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आईपीएल पर मिश्रित प्रतिक्रिया

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हमें फॉलो करें कपिल देव
नई दिल्ली (भाषा) , रविवार, 22 मार्च 2009 (18:15 IST)
इंडियन प्रीमियर लीग विदेश में आयोजित कराने के क्रिकेट बोर्ड के फैसले पर आज पूर्व क्रिकेटरों ने मिश्रित प्रतिक्रिया व्यक्त की और कुछ ने कहा कि पूरे मसले को बीसीसीआई ने पेचीदा बना दिया है।

पूर्व कप्तान कपिल देव और महान स्पिनर ईरापल्ली प्रसन्ना ने इस फैसले को सही ठहराया। प्रसन्ना ने कहा कि बीसीसीआई को शेड्यूल तय करने से पहले सरकार से मशविरा करना चाहिए था ताकि ऐसा नौबत ही न आए।

उन्होंने कहा कि यदि मैं बीसीसीआई अध्यक्ष होता तो भारत सरकार से जरूर मशविरा करता। ऐसा नहीं करके मैंने सरकार को आईपीएल रद्द करने का अधिकार दे दिया क्योंकि टूर्नामेंट भारत से जुड़ा है और इसका नाम भी इंडियन प्रीमियर लीग है।

कपिल देव ने कहा कि अब टूर्नामेंट विदेश में आयोजित करके हमारे क्रिकेटप्रेमियों या क्रिकेटरों को कोई फायदा नहीं होने वाला। विश्व कप 1983 विजेता कप्तान कपिल देव का मानना है कि यह फैसला खिलाड़ियों की राय को ध्यान में रखकर लिया गया होगा, लेकिन बोर्ड ने उनकी राय नहीं ली।

कपिल ने कहा कि मेरी सोच अलग है। पहले मैं खिलाड़ियों से बात करके उनकी चिंताएँ जानने की कोशिश करता। उसके बाद ही भारत से जुड़ा कोई टूर्नामेंट स्थानांतरित करने का फैसला लेता।

उन्होंने कहा कि यह टूर्नामेंट भारत में होना था, लिहाजा आयोजकों को पहले खिलाड़ियों से बात करनी चाहिए थी। बागी इंडियन क्रिकेट लीग की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष कपिल ने कहा कि यह बीसीसीआई का उदासीन रवैया है कि खिलाड़ियों को इस मसले पर उनकी राय व्यक्त नहीं करने दी गई।

पूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी ने कहा मुझे नहीं लगता कि वे किसी तरह का जोखिम उठाना चाहते होंगे। टूर्नामेंट होना ही चाहिए और यही सोचकर यह फैसला लिया गया। उन्होंने कहा यह खिलाड़ियों के लिए विदेश में खेलने का अच्छा अनुभव होगा, लेकिन टीमों को फायदा नहीं होगा क्योंकि उन्हें दर्शकों का सहयोग नहीं मिलेगा।

वहीं पूर्व खिलाड़ी मदन लाल ने कहा कि टूर्नामेंट का आयोजन भारत में ही होना चाहिए था। आखिर यह इंडियन प्रीमियर लीग है। इसे कहीं और कराने से मौसम और मैदान अहम भूमिका निभाएँगे।

पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने फैसले को सही करार करते हुए कहा खिलाड़ियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण चीज है। अगर सरकार चुनाव के दौरान खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर असमंजस में है तो इसे कहीं और कराया जाना ही बेहतर है।

पूर्व क्रिकेटर अतुल वासन को उम्मीद थी कि ऐसा होगा क्योंकि आयोजकों को पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे थे। उन्होंने कहा ज्यादा विकल्प नहीं बचे थे तो एक तरह से इसकी आशा थी। टूर्नामेंट का आयोजन तो होना ही था क्योंकि इसके बाद मैच कराने का कोई समय नहीं था।

एक और पूर्व क्रिकेटर चंदू बोर्डे ने बीसीसीआई से सहानुभूति जताई और कहा कि आईपीएल से जुड़े लोगों के लिए यह खबर राहत देने वाली रही होगी। मुझे पूरा विश्वास है कि बीसीसीआई और आईपीएल अधिकारियों ने यह फैसला कई कारणों को ध्यान में रखकर और काफी सोच-विचार के बाद लिया होगा। मौजूदा हालातों को देखते हुए खिलाड़ी भारत के बाहर खेलने में काफी राहत महसूस कर रहे होंगे।

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