बीसीसीआई के संयुक्त सचिव एमपी पांडव ने कहा कि आईसीएल को मान्यता नहीं दी जा सकती क्योंकि इसका मकसद सिर्फ पैसा कमाना है क्रिकेट को बढ़ावा देना नहीं।
पांडव ने पंजाब क्रिकेट संघ पीसीए की वार्षिक आम बैठक के बाद सम्मेलन में आईसीएल के संबंध में पूछे गए एक सवाल पर यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा कि आईसीएल एक वाणिज्यिक संस्था है तथा उसके साथ जुड़ने वाले खिलाड़ियों के बीच हुए अनुबंध में साफ तौर पर लिखा है कि मुनाफा होने की स्थिति में ही उन्हें अनुबंधित राशि दी जाएगी।
आईसीएल के अदालत में जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर पांडव ने कहा कि बोर्ड ऐसी किसी संस्था को अपने मैदान या स्टेडियम इस्तेमाल के लिए नहीं दे सकता, जिसका उद्देश्य क्रिकेट से पैसा कमाना हो।
उन्होंने कहा कि बोर्ड ने देश में 40 विभिन्न टूर्नामेंटों को मान्यता दी है और उन्हें वह मैदान भी मुहैया कराता है, रही आईसीएल की बात, तो इस मामले में अब अदालत ही फैसला करेगी कि क्या सही है और क्या गलत।
इस मौके पर मौजूद पीसीए अध्यक्ष इंद्रजीतसिंह बिंद्रा ने यह स्वीकार किया कि आईसीएल के साथ कुछ युवा खिलाड़ियों के जुड़ने से बोर्ड को कुछ फर्क तो जरूर पड़ेगा, लेकिन इसकी भरपाई जल्द कर ली जाएगी।
उन्होंने कहा कि उन्हें आईसीएल में खिलाड़ियों के जाने पर बेहद दुख है, लेकिन वह महसूस करते हैं कि वे जल्द ही समझ जाएँगे कि जो सब्जबाग उन्हें दिखाए गए हैं उनमें कितनी सच्चाई है।
कपिल सहित अन्य कई अन्य भारतीय खिलाड़ियों के आईसीएल के साथ जुड़ने को लेकर की गई बोर्ड की कार्रवाई को लेकर पूछे जाने पर पांडव ने कहा कि कोई भी व्यक्ति दो नावों में सवार होकर नहीं चल सकता। वैसे कानूनी तौर पर भी यह गलत है कि एक व्यक्ति एक से अधिक संगठनों के साथ जुड़कर आर्थिक लाभ ले।
उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड न लाभ न हानि पर आधारित संस्था है। इसके संचालकों को कोई वेतन नहीं मिलता। ऐसे में अगर यह आईसीएल जैसी संस्थाओं को मान्यता देता है, तो इसे आयकर सहित सरकार से प्राप्त अन्य वैधानिक रियायतों से तो वंचित होना पड़ेगा ही साथ ही यह उसके सिद्धांतों के भी विरुद्ध होगा।
पांडव के अनुसार बोर्ड ने युवाओं में क्रिकेट को बढ़ावा देने के उदेश्य से हर वर्ष 15 स्कूलों में क्रिकेट प्रशिक्षण सुविधाएँ मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है। ऐसे जो भी स्कूल इस संबंध में पर्याप्त जगह उपलब्ध कराएँगे उन्हें बोर्ड प्रशिक्षण संबंधी साजो सामान और सुविधाएँ मुहैया कराएगा।
उन्होंने कहा कि बोर्ड ने राज्य क्रिकेट संघों की पुरस्कार राशि भी बढ़ा दी है। पत्रकारों ने बिंद्रा से जानना चाहा कि आईसीएल में चले गए खिलाड़ी अगर लौटना चाहें तो क्या बोर्ड उन्हें वापिस लेगा, तो उन्होंने कहा कि यह फैसला तो बोर्ड को करना है, लेकिन उनका मत है कि खिलाड़ियों को इस पर विचार करने का वक्त और मौका अवश्य दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह बोर्ड के समक्ष यह मुद्दा उठाएँगे।