आईसीसी के मुख्य कार्यकारियों की समिति सोमवार को जब बैठक करेगी तो 2012 से 2020 तक का भविष्य दौरा कार्यक्रम और अंपायर के फैसलों की विवादास्पद रैफरल प्रणाली (डीआरएस) इसके एजेंडे में शामिल होंगे।
आईसीसी ने बयान में कहा कि आईसीसी मुख्य कार्यकारी समिति (सीईसी) कल केपटाउन में 2010 की अपनी चार बैठकों में से तीसरी बैठक करेगी।
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हारुन लोर्गट सीईसी की अध्यक्षता करेंगे और इस दौरान वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के संदर्भ में अपने कार्यसमूह के प्रस्ताव पर भी चर्चा करेंगे, जो 2012 से 2020 तक भविष्य दौरा कार्यक्रम की पुष्टि से संबंधित है।
आईसीसी ने कहा कि इस प्रस्ताव में टेस्ट और एकदिवसीय लीग शुरू करने तथा टेस्ट प्ले आफ की संभावना भी शामिल है। सीईसी के कार्यसमूह में डेविड कोलिएर (इंग्लैंड और वेल्स), निशांत रणतुंगा (श्रीलंका), एन श्रीनिवासन (भारत), जेम्स सदरलैंड (ऑस्ट्रेलिया) और डेविड रिचर्डसन (आईसीसी महाप्रबंधक, क्रिकेट), शामिल है और इसने कई मुद्दे पर चर्चा की है जिसमें एसोसिएट और एफिलिएट सदस्यों की प्रस्तुतियां शामिल हैं।
सीईसी कार्यसमूह ने दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और बांग्लादेश से जुटाये ‘मार्केटिंग रिसर्च डाटा’ पर भी विचार किया जिससे संकेत मिलते हैं कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुछ नया करने की जरूरत है। आईसीसी ने कहा कि इस बैठक में डीआरएस को लागू करने से संबंधित आगे की चर्चा की जाएगी।
डीआरएस पर अब तक मिश्रित प्रतिक्रिया मिली है। कुछ क्रिकेट बोर्ड ने इसका स्वागत किया है जबकि बीसीसीआई सहित कुछ बोर्ड इसे लागू करने के खिलाफ हैं। आईसीसी अध्यक्ष शरद पवार इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।