अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के मुख्य कार्यकारी हारून लोगार्ट ने कहा है कि पाकिस्तान में सुरक्षा की खराब स्थिति को देखते हुए चैंपियंस ट्रॉफी को स्थगित किया गया है और इसमें नस्लभेद वाली कोई बात नहीं है।
लोगार्ट ने कहा कि एशियाई देशों को इस तरह की बात नहीं सोचना चाहिए। हमने पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया और हालात सही नहीं होने के बाद चैंपियंस ट्रॉफी को स्थगित करने का फैसला किया गया।
उन्होंने कहा कि अगर खिलाड़ी कहीं जाना नहीं चाहते हैं तो हम उन पर दबाव कैसे बना सकते हैं। मौजूदा हालातों में हमने सही फैसला लिया। यह पूछने पर कि क्या आईसीसी ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज जैसे देशों के सामने झुककर टूथलेस बॉडी (दंतविहीन संस्था) तो नहीं बन गई, लोगार्ट ने इस आरोप का जोरदार खंडन करते हुए कहा कि यह सरासर गलत आरोप है।
हमने सुरक्षा स्थिति और खिलाडि़यों की मनोदशा जानने के बाद यह फैसला किया। इसमें किसी का दबाव नहीं था। हम सभी सदस्य देशों के साथ मशविरा करके निर्णय लेते हैं।
यह पूछने पर कि आईसीसी खिलाडि़यों के चयन पेनल में भारत के किसी खिलाड़ी को क्यों नहीं चुना गया, उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट समिति के अध्यक्ष सुनील गावस्कर के इस्तीफा देने के कारण ऐसा हुआ।
ओलिम्पिक में क्रिकेट को शामिल करने के सवाल पर लोगार्ट ने कहा कि आईसीसी इसके लिए विस्तृत कार्यक्रम बना रहा है। मैथ्यू केनेडी इस कार्यक्रम को अमलीजामा पहनाने में लगे हैं। हम क्रिकेट के ज्यादा सदस्य देश बनाने में लगे हुए हैं, इसीलिए आईसीसी ने आईएस बिंद्रा की भूमिका स्पष्ट कर दी है और वे भी क्रिकेट के विस्तार के लिए योजना बनाएँगे।
भविष्य के क्रिकेट कार्यक्रम के अति व्यस्त होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। हम सभी सदस्य देशों के राजी होने के बाद ही ऐसा कार्यक्रम बनाते हैं। हम एक फ्रेमवर्क पर काम करते हैं।
श्रीलंका और भारत के बीच हाल में संपन्न हुई टेस्ट श्रृंखला में रेफरल सिस्टम की सफलता के सवाल पर लोगार्ट ने कहा कि वाकई इस पर काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। यह सफल रहा है। हालाँकि कुछ कमियाँ हैं और उस बारे में हमें सलाह मिल रही है। इन सलाहों पर हम विचार कर इस व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त करने की कोशिश करेंगे।