दीवाने प्रशंसकों की भीड़ के बीच भले ही विकेटकीपर बल्लेबाज महेन्द्रसिंह धोनी भारत की सड़कों पर अकेले चहलकदमी न कर पाएँ, लेकिन इंग्लैंड में अपने अंजान होने का पूरा फायदा उठाते हुए अकेले ही सड़कों पर घूम रहे हैं।
धोनी ने कहा कि मेरा मानना है कि इंग्लैंड में एक जगह से दूसरी जगह जाना आसान है। हालाँकि बाकी चीजों के साथ सामंजस्य बैठाना आसान नहीं है।
झारखंड का यह क्रिकेटर इंग्लैंड दौरे पर तीन टेस्ट और सात एकदिवसीय मैच खेलने आई भारतीय टीम का हिस्सा है।
इस 26 वर्षीय खिलाड़ी ने स्वीकार किया कि ब्रिटेन में उतरने के बाद से ही यहाँ के मौसम के अनुरूप खुद को ढालने में दिक्कत आ रही है।
'द इंडिपेंडेंट' ने ब्रिटेन में आते ही फ्लू का शिकार हुए धोनी के हवाले से लिखा है कि हमारा अभ्यास शिविर काफी तेज गर्मी में हुआ था और दौरे की शुरुआत में आयरलैंड में आए तो यहाँ तापमान 12 डिग्री था। दोनों के बीच अंतर आसानी से पता लगता है।
दाएँ हाथ के आक्रामक बल्लेबाज धोनी ने कहा कि भारत में प्रशंसकों की भीड़ से निपटना काफी मुश्किल है, लेकिन उन्होंने इसके साथ जीना सीख लिया है। विश्व कप से टीम के जल्द बाहर होने के बाद प्रशंसकों की नाराजगी झेलने वाले धोनी ने कहा कि खराब प्रदर्शन के बाद पड़ने वाले ईंट-पत्थरों से निपटने के लिए वह अब बेहतर ढंग से तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में क्रिकेट जुनून से भी ज्यादा है, लेकिन आपको क्रिकेट पर ध्यान देना होगा क्योंकि इसके लिए हम यहाँ आए हैं। मुझे भारत के लिए खेलते हुए तीन साल हो गए हैं और मैं सीख गया हूँ कि मुझे क्या करना है।