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इंग्लैंड के क्रिकेटरों की आलोचना

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नॉटिंघम (भाषा) , बुधवार, 1 अगस्त 2007 (20:58 IST)
इंग्लैंड के क्रिकेटरों को भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट में किए गए जेलीबीन घटना के लिए कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है और पूर्व क्रिकेटरों ने उनके इस कृत्य को बचकाना मजाक करार देते हुए इसे खेल भावना के विरुद्ध बताया है।

पूर्व खिलाड़ियों ने इंग्लैंड टीम के इस व्यवहार को बचकाना बताया है विशेषकर जब टीम हार के कगार पर थी। पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने कहा कि टेस्ट मैच में इस तरह के बचकाना मजाक की कोई जगह नहीं है।

हुसैन ने इंग्लैंड के खिलाड़ियों द्वारा जहीर खान की बल्लेबाजी के दौरान जेलीबीन गिराने के बारे में कहा मिठाई का यह खेल बचकानी हरकत था। यह एक टेस्ट मैच है। इसमें बचकाना मजाकों के लिए कोई जगह नहीं है। यह मूखर्तापूर्ण है।

गुस्साए जहीर ने केविन पीटरसन की ओर बल्ले से इशारा किया था, क्योंकि उन्हें लगा था कि वही इसके दोषी हैं और फिर इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड की दूसरी पारी में 75 रन देकर पाँच विकेट लिए थे।

इंग्लैंड के पूर्व कोच डेविड लॉयड ने भी इस पूरी घटना को शर्मनाक बताया लेकिन कहा कि वैसे मैच रोमांचक था। उन्होंने द डेली टेलीग्राफ को बुधवार को बताया कि यह एक बचकाना हरकत है। दोनों टीमों ने बढ़िया प्रदर्शन किया। हमें इस शर्मनाक चीज को बाहर कर देना चाहिए।

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान जेफ्री बॉयकाट को लगता है कि इस व्यवहार के लिए खिलाड़ियों खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए थी, उन्होंने एक अखबार में अपने कालम में लिखा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ही इसकी जिम्मेदार है,क्योंकि उसे अंपायरों को खिलाड़ियों के साथ सख्ती बरतने के बारे में बताना चाहिए था।

इंग्लैंड के कोच पीटर मूर्स ने भी स्वीकार किया कि यह टीम के लिए एक सीखने वाला अनुभव है और उन्हें उम्मीद है कि इस तरह की घटना भविष्य में नहीं होगी। हर किसी को इससे सीखने की प्रेरणा मिलेगी और उम्मीद है कि ऐसा दोबारा नहीं होगा।

इस घटना के मुख्य दोषी इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज एलिस्टेयर कुक ने इससे सहमति नहीं जताई और कहा कि इस घटना से मैच के परिणाम पर कुछ असर नहीं हुआ।

उन्होंने कहा मुझे कहना होगा कि मैं जेलीबीन के इस घटनाक्रम के बढ़ाचढ़ा कर पेश करने से निराश हूँ। मैं इसलिए भी निराश हूँ क्योंकि मुझे इसके मुख्य दोषी के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि विशेषकर मैं टॉफियों को काफी पसंद करता हूँ, लेकिन यह कहना कि इससे परिणाम प्रभावित हुआ होगा, मूखर्तापूर्ण है।

कप्तान माइकल वॉन ने भी इसका समर्थन किया और कहा ऐसा भी समय था जब यह सीमा से बाहर जा सकता था। मुझे नहीं लगता कि इस सीमा का उल्लघंन किया गया था। दोनों टीमें जीतना चाहती थी।

आईसीसी ने हालाँकि फैसला किया कि इस मामले पर दोनों टीमों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी। साथ ही मैच के दौरान हुई छींटाकशी के लिए भी कुछ नहीं करने का फैसला किया।

डेली मार्ल ने आईसीसी के एक प्रवक्ता के हवाले से लिखा खिलाड़ी को मैच अंपायर से इस बारे में बात करनी चाहिए थी, जो इसकी जानकारी मैच रैफरी को देता।

उन्होंने कहा मामला यह है कि वे खेल भावना के अंतर्गत खेले या नहीं। अगर मैच रैफरी को ऐसा लगता तो फिर वह यह मामला आईसीसी के समक्ष पेश करता। तभी आचार संहिता की सुनवाई कराई जा सकती थी।

प्रवक्ता ने कहा महिलाओं के टेस्ट क्रिकेट में इस तरह का एक वाकया हुआ था, जिसमें इंग्लैंड के खिलाड़ी खेल रहे थे और वहाँ पर लव हार्ट्स मिठाई पिच पर फेंकी गई थी। ऐसी कोई आचार संहिता नहीं है,क्योंकि जब-तब कोई खिलाड़ी इसकी शिकायत नहीं करेगा इस पर कार्रवाई नहीं की जा सकती।

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