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ईडन गार्डन्स पर स्पिनरों ने बिखेरा है अपना जलवा

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नई दिल्ली , रविवार, 2 दिसंबर 2012 (14:01 IST)
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भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी यदि इंग्लैंड के खिलाफ 5 दिसंबर से ईडन गार्डन्स पर होने वाले मैच में भी टर्निंग विकेट चाहते हैं तो आंकड़ों के लिहाज से उन्हें गलत नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इस ऐतिहासिक मैदान पर भारत के स्पिनरों ने अपना जलवा बिखेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम के स्पिनरों के मददगार विकेट पर करारी हार झेलने के बावजूद धोनी ईडन गार्डन्स पर भी ऐसा ही विकेट चाहते हैं। आंकड़े भी इसका गवाह हैं कि भारत ने इस मैदान पर स्पिनरों के दम पर ही सफलता हासिल की है। लेकिन धोनी को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि इंग्लैंड के स्पिनर भी इस मैदान से मिलने वाली मदद का फायदा उठाने में पीछे नहीं रहे हैं।

ईडन गार्डन्स पर अभी तक जो 37 मैच खेले गए हैं उसमें 1016 विकेट गेंदबाजों के नाम पर दर्ज हैं। इनमें तेज गेंदबाजों ने 516 और स्पिनरों ने 500 विकेट लिए हैं। इस आंकड़े में भले ही तेज गेंदबाजों का पलड़ा भारी हो लेकिन जब भारतीय गेंदबाजों की बात आती है तो स्पिनर बाजी मार जाते हैं।

भारत ने ईडन गार्डन्स पर 37 मैच में अब तक 55 तेज या मध्यम गति के गेंदबाजों का उपयोग किया है जिनके नाम पर 194 विकेट दर्ज हैं। इसके विपरीत उसने जिन 62 स्पिनरों को इस मैदान पर आजमाया उन्होंने 325 विकेट चटकाए।

भारत ने इस मैदान पर 10 मैच जीते हैं और इनमें स्पिनरों का योगदान अहम रहा। यही आंकड़ा जानकर धोनी भी स्पिन ट्रैक बनाने की मांग कर रहे हैं क्योंकि इन 10 मैचों में भारतीय स्पिनरों ने 135 विकेट लिए जबकि तेज गेंदबाजों के खाते में इसके आधे से भी कम 56 विकेट आए।

इंग्लैंड ने 1977 में इस मैदान पर जो एकमात्र मैच जीता था उसमें उसके तेज गेंदबाजों का योगदान अधिक था। लेकिन यदि ओवरऑल आंकड़े पर गौर किया जाए तो उसके तेज गेंदबाजों ने यहां 9 मैचों में 65 विकेट लिए तो उसके स्पिनर भी पीछे नहीं रहे जिन्होंने 61 विकेट हासिल किए। इनमें से 30 विकेट उसके बाएं हाथ के स्पिनरों को मिले हैं और इसलिए भारतीय बल्लेबाजों को फिर से मोंटी पनेसर से सतर्क रहने की जरूरत है जिन्होंने मुंबई में कहर बरपाया था।

जहां तक भारतीय स्पिनरों का सवाल है तो उन्होंने ईडन पर जो 325 विकेट लिए हैं उनमें से 109 बाएं हाथ के स्पिनरों ने लिए हैं। हरभजन सिंह को मुंबई में लचर प्रदर्शन को देखते हुए टीम में रखने पर सवाल उठाए जा सकते हैं लेकिन इस ऑफ स्पिनर के नाम पर कोलकाता में 7 मैचों में सर्वाधिक 46 विकेट दर्ज हैं। उनके बाद लेग स्पिनर अनिल कुंबले (40) और बाएं हाथ के स्पिनर बिशन सिंह बेदी (29) का नंबर आता है।

भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ ईडन पर हमेशा अपने स्पिनरों पर अधिक भरोसा दिखाया। अपने इस प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 9 मैचों में भारतीय स्पिनरों ने 89 जबकि तेज और मध्यम गति के गेंदबाजों ने 33 विकेट लिए।

ईडन पर भारत ने 1961-62 में इंग्लैंड को 187 रन से हराया था। इस मैच में 14 विकेट भारतीय स्पिनरों ने लिए थे। इसके बाद जब 1971-72 में भारत ने 28 रन से जीत दर्ज की तो बेदी, भगवत चंद्रशेखर और ईरापल्ली प्रसन्ना ने मिलकर उसे 19 विकेट दिलाए। इसके लगभग 22 साल बाद 1993 में कुंबले, वेंकटपति राजू और राजेश चौहान ने 17 विकेट लेकर भारत को 8 विकेट से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।

भारत और इंग्लैंड दोनों के पास बाएं हाथ का 1-1 स्पिनर (ओझा और पनेसर) हैं और उन दोनों का तीसरे टेस्ट मैच में खेलना तय है। वैसे इस मैदान पर लेग और ऑफ स्पिनरों का अधिक दबदबा रहा। ईडन पर अभी तक इस तरह के 160 स्पिनर गेंदबाजी कर चुके हैं जिन्होंने 349 विकेट लिए हैं। यदि बाएं हाथ के स्पिनरों की बात करें तो इस तरह के 30 स्पिनरों के नाम पर कुल 151 विकेट दर्ज हैं।

ईडन पर स्पिनरों ने कुल 6922.1 ओवर किए हैं और वे तेज गेंदबाजों (6108.3 ओवर) से आगे हैं। स्वाभाविक है कि भारत ने स्पिनरों का अधिक उपयोग किया। उसके स्पिन गेंदबाजों ने 4361.4 ओवर जबकि तेज और मध्यम गति के गेंदबाजों ने 2308.4 ओवर किए हैं। (भाषा)

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