ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी संघ ने अपने एक सर्वे में खुलासा किया है कि बोर्ड से अनुबंधित करीबन आधे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर इंडियन प्रीमियर लीग और बागी इंडियन क्रिकेट लीग में खेलने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय कैरियर को स्वाहा करने को तैयार हैं।
सर्वे के अनुसार जब खिलाड़ियों से भारत में विपक्षी ट्वेंटी- 20 लीग में खेलने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को त्यागने के बारे में पूछा तो राष्ट्रीय क्रिकेटरों ने 47 प्रतिशत और राज्य खिलाड़ियों ने 49 प्रतिशत ने इस पर हाँ में जवाब दिया।
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी संघ (एसीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पाल मार्श के हवाले से एक अखबार में लिखा यह हैरान करने वाला है कि खिलाड़ी इस प्रतिस्पर्धा में खेलने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट छोड़ने को तैयार हैं।
खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया से साफ जाहिर है कि खिलाड़ियों पर कितना दबाव है और परिवार से इतना समय दूर रहना उनके लिए काफी मुश्किल होता है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के तौर पर उन पर लगने वाली पाबंदियों और जिम्मेदारियों से उनकी लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने की इच्छा पर असर पड़ता है।
एसीए के सर्वे में यह भी खुलासा हुआ है कि खिलाड़ी क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से असंतुष्ट हैं और इनमें से 80 प्रतिशत इसके काम करने के तरीके में बदलाव लाने के इच्छुक हैं।
इनमें से दो तिहाई खिलाड़ियों ने स्टीव बकनर को भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला से हटाए जाने के आईसीसी के फैसले की आलोचना की।
सर्वे में 93 फीसदी खिलाड़ियों ने कहा कि वे संन्यास लेने के बाद भी क्रिकेट खेलना चाहते हैं और मार्श को लगता है कि अगर इतनी भारी तादाद में क्रिकेटरों को जाने से रोकना है तो उन्हें आईपीएल को अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में जगह देनी पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि क्रिकेट को आईपीएल, आईसीएल और अन्य ट्वेंटी- 20 टूर्नामेंट के लिए भविष्य दौरा कार्यक्रम में जगह बनानी पड़ेगी जिससे खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा न कहें।
हालाँकि एसीए के प्रमुख जेम्स सदरलैंड को लगता है कि आईपीएल के लिए कार्यक्रम में जगह बनाने से सत्र की कई टीमों को नुकसान होगा।