अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में (बर्न आउट) को मुद्दा बनाने वाले ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के क्रिकेटरों को आगे भी इससे निजात नहीं मिल पाएगी, जबकि पाकिस्तान और श्रीलंकाई खिलाड़ी साल में अधिकतर समय आराम करते हुए बिताएँगे जो आईसीसी के भविष्य के दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) की कमी को दर्शाता है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के आगामी एक साल के कार्यक्रम के हिसाब से ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी इस साल भारत के खिलाफ अक्तूबर में होने वाली चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला से लेकर अगले साल जुलाई-अगस्त में एशेज और उसके बाद की एकदिवसीय श्रृंखला तक लगभग 115 दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हुए बिताएँगे, जबकि इस बीच पाकिस्तान की टीम ट्वेंटी-20 विश्वकप के अलावा कोई मैच नहीं खेलेगी।
इंग्लैंड के क्रिकेटरों को भी नवंबर में भारत दौरे के बाद से एशेज तक 90 से अधिक दिन मैदान पर बिताने पड़ सकते हैं, जबकि पिछले साल काफी व्यस्त रहने वाले भारतीय क्रिकेटरों को आईपीएल के कारण अगले एक साल में करीब 55 दिन ही अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने होंगे।
आईसीसी कार्यक्रम के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई टीम नवंबर में भारतीय दौरा समाप्त करने के तुरंत बाद दो टेस्ट मैचों के लिए न्यूजीलैंड की मेजबानी करेगी। न्यूजीलैंड की टीम अभी ऑस्ट्रेलिया में ही होगी कि वहाँ दक्षिण अफ्रीकी टीम पहुँच जाएगी, जिसे दिसंबर से जनवरी तक तीन टेस्ट पाँच एकदिवसीय और दो ट्वेंटी-20 मैच खेलने हैं।
न्यूजीलैंड की टीम पाँच एकदिवसीय मैच और एक ट्वेंटी-20 मैच खेलने के लिए फरवरी में फिर से ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेगी। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को इसके बाद भी फुरसत नहीं मिलेगी, क्योंकि उन्हें इसके बाद तीन टेस्ट, पाँच वन डे और दो ट्वेंटी-20 मैच खेलने के लिए दक्षिण अफ्रीका का दौरा करना है।
इस बीच अप्रैल में आईपीएल शुरू हो जाएगा, जिसमें पिछली बार की तरह इस बार भी अधिकतर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों के खेलने की संभावना है। इससे सभी देशों के खिलाड़ियों को जून 2009 में होने वाली दूसरी आईसीसी विश्व ट्वेंटी-20 चैंपियनशिप की तैयारियों में मदद मिलेगी।
इंग्लैंड में होने वाली इस विश्व चैंपियनशिप के बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम वहीं रुकी रहेगी, जहाँ उसे जुलाई से पाँच टेस्ट मैचों की एशेज श्रृंखला तथा सात एकदिवसीय और दो ट्वेंटी-20 मैचों की श्रृंखला खेलनी है। वह इस बीच स्कॉटलैंड से भी एक वन डे मैच खेलेगा।
जहाँ तक इंग्लैंड का सवाल है तो भारत के खिलाफ सात वन डे और दो टेस्ट मैच से शुरुआत करने के बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ अगले साल फरवरी मार्च में चार टेस्ट, पाँच वन डे और एक ट्वेंटी-20 मैच खेलेगा। उसे ट्वेंटी-20 विश्वकप से पहले दो टेस्ट और तीन वन डे के लिए श्रीलंका की मेजबानी करनी है और बाद में एशेज में भाग लेना है।
भारत को आईपीएल से पहले तक ही आठ टेस्ट और लगभग 12 एकदिवसीय मैच खेलने है, जिसकी शुरुआत ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की मेजबानी से होगी। आईसीसी के वर्तमान कार्यक्रम के अनुसार भारतीय टीम को जनवरी और फरवरी में विश्राम का मौका मिलेगा, जबकि मार्च-अप्रैल में वह 2002-03 के बाद पहली बार न्यूजीलैंड का दौरा करेगी, जहाँ उसे पाँच वन डे, दो टेस्ट और एक ट्वेंटी-20 मैच खेलने हैं।
भारत के अलावा न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका को भी अगले सत्र में आठ-आठ टेस्ट मैच खेलने हैं। हालाँकि इन दोनों को क्रमश: 18 और 15 एकदिवसीय मैच खेलने होंगे। श्रीलंका का कार्यक्रम बहुत व्यस्त नहीं है। भारत के खिलाफ हाल में श्रृंखला खेलने के बाद उसकी टीम को अप्रैल में इंग्लैंड दौरे तक आठ महीने के विश्राम का समय मिलेगा।
पाकिस्तान की स्थिति सबसे खराब है। चैंपियन्स ट्रॉफी स्थगित होने के कारण उसके खिलाड़ियों को अब जून में ट्वेंटी-20 चैंपियनशिप से पहले एक भी अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका नहीं मिलेगा।
बांग्लादेश की स्थिति उससे बेहतर है, जिसे इस साल अक्तूबर-नवंबर में ही चार टेस्ट और छह वन डे खेलने हैं। वेस्टइंडीज की टीम भी अगले साल मार्च तक छह टेस्ट और 10 एकदिवसीय मैच खेलेगी।