इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर टोनी ग्रेग ने दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज गैरी कर्स्टन को भारतीय टीम का प्रशिक्षक बनाए जाने के भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के निर्णय की कड़ी आलोचना की और कहा कि कर्स्टन केवल वरिष्ठ खिलाड़ियों के हाथ की कठपुतली बनकर रह जाएँगे।
ग्रेग ने द हैराल्ड सन को दिए साक्षात्कार में कहा कि कर्स्टन को चुने जाने के निर्णय से मैं आश्चर्यचकित हूँ। संभवतः यह निर्णय इसलिए लिया गया है, जिससे वरिष्ठ खिलाड़ियों को अपना निर्णय लेने की छूट मिल सके। वे ऐसा कोई व्यक्ति नहीं चाहते जो खुद को टीम पर थोप सके जैसा ग्रेग चैपल ने किया।
ग्रेग का मानना है कि भारतीय बोर्ड चैपल के कार्यकाल के दौरान उत्पन्न हुई विकट परिस्थिति को दोबारा नहीं देखना चाहता, इसलिए उसने ऐसा निर्णय लिया। चैपल का कार्यकाल विवादों से भरा रहा, जिसका परिणाम टीम के विश्व कप अभियान पर भी पड़ा और वह पहले ही दौर में बाहर हो गई थी।
इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि उन्हें इस बात का आश्चर्य है कि बीसीसीआई ने टॉम मूडी और जॉन बुकानन जैसे अनुभवी प्रशिक्षकों को छोड़कर एक ऐसे प्रशिक्षक का चुनाव किया जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण का अनुभव कम है।
उन्होंने कहा कि कर्स्टन को भारतीय टीम से जुड़ने के बाद मैदान से बाहर भी कई मुश्किलों से गुजरना पड़ेगा। उनका मानना है कि बोर्ड के अंदर की राजनीति के चलते ही भारतीय दावेदारों को नजरअंदाज किया गया होगा।