महेंद्र सिंह धोनी ने पिछले छह मैच में 75 रन बनाए हैं, रिकी पोंटिंग के नाम पर पिछली आठ पारियों में केवल एक अर्धशतक दर्ज है और कुमार संगकारा पिछले एक साल में अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर पाए हैं। सिर्फ भारत, ऑस्ट्रेलिया या श्रीलंका ही नहीं बल्कि विश्व कप में भाग लेने वाली अधिकतर टीमें अपने कप्तानों की फार्म को लेकर चिंतित हैं।
दक्षिण अफ्रीका में पाँच एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला गँवाने वाली भारतीय टीम अब अपने बल्लेबाजों को लेकर चिंतित लगती है क्योंकि विराट कोहली और यूसुफ पठान को छोड़कर कोई भी भारतीय बल्लेबाज वहाँ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया। कप्तान धोनी तो पूरी तरह असफल रहे। उन्होंने पिछली तीन पारियों में केवल 12 रन बनाए। उन्होंने एक बार जो 38 रन की पारी खेली तब वह किसी भी समय सहज नहीं दिखे।
ऐसा नहीं है कि धोनी दक्षिण अफ्रीका में ही असफल रहे हों। पिछले एक साल में उनके प्रदर्शन में गिरावट आई है। उन्होंने एकदिवसीय मैचों में पिछले 12 महीनों के दौरान 18 मैच में 32.73 की औसत से 491 रन बनाए हैं। इससे उनके करियर का औसत भी 50 रन प्रति पारी से गिरकर 48 पर पहुँच गया।
ऑस्ट्रेलिया की स्थिति तो और बुरी है क्योंकि उसके कप्तान पोंटिंग और उनकी अनुपस्थिति में टीम की अगुवाई करने वाले माइकल क्लार्क के बल्ले पर मानो जंग लग गई हो। पोंटिंग पिछली आठ पारियों में पाँच बार 20 रन तक भी नहीं पहुँचे और पिछले 12 महीनों में उनका औसत 37.20 रहा। यही नहीं टेस्ट मैचों में भी उन्होंने अंतिम तीन मैच की छह पारियों में केवल 12 रन बनाए।
श्रीलंकाई कप्तान संगकारा ने पिछले दस मैच में केवल दो अर्धशतक जमाए हैं। पिछले 12 महीनों में उन्होंने 12 मैच में 452 रन बनाए हैं और उनका औसत 41.09 रहा जो उनके करियर के औसत से कम है। संगकारा ने लगभग प्रत्येक मैच में अच्छी शुरुआत की लेकिन वह उसे बड़े स्कोर में नहीं बदल पाए।
दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ग्रीम स्मिथ का बल्लेबाजी रिकॉर्ड भी पिछले एक साल में गिरावट पर रहा। उन्होंने इस दौरान जो 16 मैच खेले उनमें 32.26 की औसत से 484 रन बनाए। भारत के खिलाफ केवल एक पारी में उनका बल्ला चला। इस पारी में उन्होंने 77 रन बनाए जबकि बाकी चार मैच में वह 79 रन ही बना पाए।
न्यूजीलैंड के डेनियल विटोरी बल्लेबाजी में भी टीम को संकट से उबारते रहे लेकिन पिछले 12 महीने में उनका बल्ला भी खास नहीं चला। इस दौरान उन्होंने 23.14 की औसत से रन बनाए और 16 मैच में 21 विकेट लिए। भारत के खिलाफ चार मैच में वह केवल 60 रन बनाने के अलावा और दो विकेट ही ले पाए थे। (भाषा)