पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा है कि टीम इंडिया के कोच गैरी कर्स्टन ने अपना पद छोड़ने के लिए सही समय चुना है।
गावस्कर ने कहा कि मुझे लगता है कि कर्स्टन ने सही समय चुना। उनकी विदाई का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता था। आपको बेइज्जत होकर निकलना पड़े इससे अच्छा यही है कि आप ऐसे समय पर छोड़ें जब लोग आपको रूकने के लिए कहें।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व सलामी बल्लेबाज कर्स्टन का कार्यकाल विश्वकप तक था और टीम इंडिया के विश्वविजेता विजेता बनने के साथ ही उन्होंने अपने अनुबंध का नवीकरण नहीं करने का फैसला किया। हालाँकि टीम इंडिया के खिलाड़ी उनसे ऐसा करने का अनुरोध कर रहे थे लेकिन कर्स्टन ने पारिवारिक जिम्मेदारियों का हवाला देते हुए स्वदेश लौटना ही उचित समझा।
कर्स्टन को भारतीय टीम का कोच बनाने का श्रेय गावस्कर को भी जाता है। वर्ष 2007 में तत्कालीन कोच आस्ट्रेलिया के ग्रेग चैपल की विदाई के बाद दक्षिण अफ्रीका के ग्राहम फोर्ड के टीम इंडिया का कोच बनने से इनकार करने के बाद गावस्कर ने कर्स्टन को मेल भेजकर उनसे इस संबंध में संपर्क साधा था।
गावस्कर ने कहा कि कर्स्टन का सबसे बड़ा योगदान यह था कि उन्होंने भारतीय टीम का आत्मविश्वास जगाया और ड्रेसिंग रूम के माहौल को ठीक किया। मुझे उनकी कोचिंग प्रतिभा के बारे में कुछ पता नहीं था लेकिन मैं खिलाड़ियों को परखने की उनकी क्षमता से वाकिफ था। (वार्ता)