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कुंबले का 18 वर्ष लंबा करियर

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हमें फॉलो करें अनिल कुंबले
कुंबले ने वर्ष 1990 में इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट खेला था। तब से लेकर अभी तक 18 वर्ष लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर पर एक नजर-

* अगस्त 1990 : कुंबले ने अपना टेस्ट पदार्पण ओल्ड ट्रेफर्ड में इंग्लैंड के खिलाफ किया। मैच में उन्होंने तीन विकेट चटकाए। तब वे एक गेंदबाज कम और चश्मा लगाने वाले पढ़ाकू छात्र ज्यादा नजर आते थे।

* फरवरी-मार्च 1993 : इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के तीन मैचों में 21 विकेट चटकाए। यहीं से स्पिनर के रूप में कुंबले की पहचान बनी।

* जनवरी 1994 : करियर के 14वें टेस्ट में श्रीलंका के खिलाफ मैच के दौरान पहली बार 10 विकेट का आँकड़ा छुआ। इसी मैच में पहली बार कुंबले को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला।

* अक्टूबर 1995 : करियर के 21वें टेस्ट में बेंगलुरु (तब बंगलोर) में घरेलू दर्शकों के सामने 100वाँ विकेट हासिल किया। न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच की पहली पारी में 4 और दूसरी पारी में 5 विकेट चटकाए। बेंगलुरु के इसी मैदान पर कुंबले ने करियर का 300वाँ और 400वाँ विकेट भी हासिल किया।

* फरवरी 1999 : कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ दिल्ली में 74 रन देते हुए सभी 10 विकेट चटकाए। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वे जिम लेकर के बाद टेस्ट इतिहास के दूसरे गेंदबाज बने।

* मई 2002 : सेंट जोंस टेस्ट के दौरान कुंबले अपने जबड़े पर लगी चोट के बावजूद चेहरे पर पट्टियाँ बाँधकर मैदान में गेंदबाजी करने आए और ब्रायन लारा जैसा महत्वपूर्ण विकेट भी चटकाया।

* दिसंबर-जनवरी (2003-04) : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों में 24 विकेट लेते हुए कुंबले ने श्रृंखला में यादगार प्रदर्शन किया। सिडनी में अंतिम टेस्ट में 12 विकेट चटकाए।

* अप्रैल 2004 : पाकिस्तान दौरे पर तीन मैचों में 15 विकेट लेते हुए भारत को पाकिस्तान में पहली टेस्ट श्रृंखला जीत दिलाई (2-1)।

* अक्टूबर 2004 : बेंगलुरु में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करियर के 85वें टेस्ट में 400 विकेट पूरे किए। ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय स्पिनर बने।

* दिसंबर 2004 : बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट के पहले दिन मो. रफीक को आउट कर कपिलदेव को पीछे छोड़ सर्वाधिक विकेट हासिल करने वाले भारतीय गेंदबाज बने।

* दिसंबर 2005 : श्रीलंका के खिलाफ दिल्ली टेस्ट में 10 विकेट चटकाते हुए भारत को 188 रनों की जीत दिलाई। साथ ही अपनी ही गेंद पर कैच आउट कर शिकार के मामले में मुथैया मुरलीधरन को पीछे छोड़ा।

* मार्च 2006 : मोहाली में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में करियर का 500वाँ विकेट हासिल किया। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वे पहले भारतीय गेंदबाज बने।

* जून 2006 : कुंबले की गेंदबाजी के कारण भारत ने वेस्टइंडीज में 35 वर्षों के बाद टेस्ट श्रृंखला जीती।

* मार्च 2007 : कुंबले ने बेंगलुरु में वन-डे क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। साथ ही कहा कि टेस्ट क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे।

* अगस्त 2007 : ओवल के मैदान पर कुंबले ने ग्लेन मैग्राथ के 563 टेस्ट विकेटों के आँकड़े को पीछे छोड़ा। इसी टेस्ट में कुंबले ने 17 साल के करियर में पहला शतक लगाया। संयोग से इंग्लिश दौरे पर यह एकमात्र भारतीय शतक रहा।

* नवंबर 2007 : पाकिस्तान के खिलाफ श्रृंखला के लिए भारतीय कप्तान चुने गए। भारत को अपनी जमीन पर चिर-प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 28 वर्षों बाद टेस्ट श्रृंखला जिताई।

* जनवरी 2008 : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ टेस्ट में 600वाँ विकेट हासिल किया।

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