कुंबले की जुझारू क्षमता का परिचय वर्ष 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ सेंट जोंस (एंटिगुआ) में चौथे टेस्ट के दौरान देखने को मिला। श्रृंखला के इस महत्वपूर्ण दौरे में बल्लेबाजी के दौरान एक बाउंसर से उनका जबड़ा टूट गया और ऐसे में उनके खेलने पर संदेह गहरा गया था।
लेकिन अगले ही दिन कुंबले अपने चेहरे और सिर पर पट्टी बाँधे मैदान पर नजर आए। उन्होंने न केवल बेहतरीन गेंदबाजी की, बल्कि कप्तान ब्रायन लारा का महत्वपूर्ण विकेट भी हासिल किया। इस दौरान उन्होंने 14 ओवर फेंके। मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट में हाथ में टाँके लगे होने के बावजूद वे मैदान पर गेंदबाजी करने उतरे।
कुंबले भारत के सबसे सफल गेंदबाज रहे हैं। हर गेंदबाज का आकलन उसके द्वारा हासिल किए गए विकेटों की संख्या से किया जाता है। जाहिर है खुद गेंदबाज के लिए भी ये विकेट स्मृति पटल पर हमेशा ही सुखद अहसास देते हैं। कुंबले के करियर के कुछ खास या यूँ कहें मील का पत्थर कहे जाने वाले विकेटों पर एक नजर-
पहला शिकार : इंग्लैंड के एलन लैंब को मैनचेस्टर में अगस्त 1990 में संजय मांजरेकर के हाथों कैच कराया
100वाँ शिकार : न्यूजीलैंड के मार्टिन क्रो को बेंगलुरु में अक्टूबर 1995 में सचिन तेंडुलकर के हाथों कैच कराया
200वाँ शिकार : जिम्बाब्वे के एम. मवांग्वा को हरारे में अक्टूबर 1998 में नयन मोंगिंया के हाथों स्टंपिंग कराया
300वाँ शिकार : इंग्लैड के मैथ्यू होगार्ड को बेंगलुरु में दिसंबर 2001 में पगबाधा आउट किया
400वाँ शिकार : ऑस्ट्रेलिया के साइमन कैटिच को बेंगलुरु में अक्टूबर 2004 में बोल्ड किया
500वाँ शिकार : इंग्लैंड के स्टीव हार्मिसन को मोहाली में मार्च 2006 में पगबाधा आउट किया
600वाँ शिकार : ऑस्ट्रेलिया के एंड्रयू साइमंड्स को पर्थ में जनवरी 2008 में राहुल द्रविड़ के हाथों कैच कराया
619वाँ शिकार : ऑस्ट्रेलिया के मिचेल जॉनसन को नई दिल्ली में नवंबर 2008 में स्वयं की गेंद पर कैच किया।