पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले ने कर्नाटक क्रिकेट संघ और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी का प्रमुख होने और खिलाड़ियों की प्रबंधन कंपनी चलाने में किसी तरह के हितों के टकराव का कड़ा खंडन करते हुए कहा कि उनकी फर्म क्रिकेटरों को सलाह देने का किसी तरह का वित्तीय लाभ हासिल नहीं करती है।
कुंबले कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के अध्यक्ष होने के साथ ही एनसीए के चेयरमैन भी हैं। वह कुछ खिलाड़ियों के मैनेजर हैं और टेनविक नाम से फर्म चलाते हैं जो भारतीय वनडे टीम के सदस्यों ए अरविंद और विनय कुमार सहित कर्नाटक के कई खिलाड़ियों के वित्तीय हितों को देखती है।
कुंबले ने कहा कि नहीं मेरे दिमाग में किसी तरह के टकराव वाली बात नहीं है। मेरी दिलचस्पी इन सभी युवा क्रिकेटरों के फायदे में है। इसमें किसी भी तरह का कोई वित्तीय लेन देन नहीं हुआ है। यदि इन क्रिकेटरों को वित्तीय तौर पर कोई लाभ हुआ है तो इसके लिए टेनविक ने आज तक कोई शुल्क नहीं लिया है। यदि कोई यह जिम्मेदारी लेना चाहता है तो वह इसके लिए स्वतंत्र है।
उन्होंने सीएनएन आईबीएन से कहा कि असल में टेनविक लागत खुद उठाती है। कंपनी अपने खर्चे में पर इन खिलाड़ियों को सुविधाएं देती है। हमने कुछ साइकोमीट्रिक टेस्ट कराए जिसका खर्चा खिलाड़ियों ने नहीं बल्कि कंपनी ने उठाया। और इसका पूरा लाभ कंपनी को नहीं बल्कि खिलाड़ियों को मिला। (भाषा)