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कोटला के लिए खास व्यक्ति जिम्मेदार नहीं:मुरली

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हमें फॉलो करें फिरोजशाह कोटला
, सोमवार, 28 दिसंबर 2009 (14:37 IST)
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भारत और श्रीलंका के बीच फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेला गया वनडे खराब पिच की वजह से रद्द हो जाने के बाद जहां पूरा क्रिकेट जगत दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) की आलोचना करने में लगा हुआ हैं वहीं चोट की वजह से वनडे सिरीज में भाग न ले सके श्रीलंका के दिग्गज ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने इस मामले पर डीडीसीए को दोषी मानने से इंकार किया है।

मुरलीधरन ने कहा मैच के आयोजकों ने कोटला की पिच को बढिया बनाने का प्रयास किया होगा लेकिन यदि पिच पूरी तरह तैयार नहीं हो सकी तो इसमें उनकी क्या गलती है। उन्होंने कहा कि कोई नहीं चाहता कि इस तरह की स्थिति पैदा हो और कोटला मैच के आयोजन से जुडे लोगों ने भी पिच के इस तरह के व्यवहार के बारे में बिलकुल भी अनुमान नहीं लगाया होगा लेकिन यदि अंततः पिच पूरी तरह तैयार नहीं हो पायी तो इसमें उनका क्या दोष है।

श्रीलंकाई स्पिनर ने कहा कि पिच के असमान व्यवहार के लिए क्यूरेटर को कहीं से भी दोष नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि क्यूरेटर ने पिच को मैच के अनुकूल बनाने का प्रयास किया था लेकिन यह दुर्भाग्य ही रहा कि पिच ने असमान व्यवहार किया जिसके बाद अधिकारियों ने मैच को रद्द घोषित किया।

श्रीलंकाई स्पिनर ने कहा ‍कि मैं मैच देख रहा था लेकिन मुझे खुद भी विश्वास नहीं हो रहा था कि पिच इस तरह का असमान व्यवहार क्यों कर रही है। कुछ गेंदें काफी उछाल ले रही थी जबकि कुछ गेंद आश्चर्यजनक रूप से नीची रह जा रही थी। खिलाड़ी खुद को बचाने का प्रयास कर रहे थे और फिर बाद में मैच रद्द घोषित करना पड़ा।
उन्होंने इंदौर के 1997 के वाकये को याद करते हुए कहा कि इस तरह की परिस्थितियों में खिलाड़ी चोट का जोखिम नहीं ले सकते क्योंकि यदि कहीं चोट खतरनाक साबित हुई तो कम से कम छह महीने तक मैदान से दूर रहना पड़ेगा और फिर पता नहीं ऐसे में उनके करियर का क्या होगा। इंदौर में मैच 19 गेंदों के बाद ही रद्द कर दिया गया था।

मुरलीधरन ने कहा कि यह अच्छी बात थी कि क्यूरेटर तेज गेंदबाजों के लिए मददगार पिच बनाना चाहते थे लेकिन पिच पर जिस तरह की असामान्य उछाल थी, वह बल्लेबाजों के लिए खासा खतरनाक थी। उन्होंने भारत दौरे को अपना बेहतरीन दौरा करार देते हुए कहा कि टेस्ट मैच जिन पिचों पर खेले गए वह बेहतरीन थे और कोई भी उनकी आलोचना नहीं कर सकता।

इसके बाद फिर ट्‍वेंटी-20 मैच और पहले चार वनडे मैच भी बढ़िया विकेट पर खेले गए लेकिन सिरीज का जिस तरह से समापन हुआ, वह वाकई क्रिकेट के लिए अफसोसजनक है। हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता था कि इस ठंढ के मौसम में खेल जैसे बढ़ता जाता पिच की स्थिति में वैसे वैसे सुधार आता। इस पिच पर 200 का लक्ष्य बहुत बेहतर होता।

श्रीलंकाई स्पिनर ने पूरी सीरीज में भारत के प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए कहा कि सही मायने में भारतीय टीम ने बढिया खेल का प्रदर्शन किया और जीत की सही हकदार भी महेंद्र सिंह धोनी की ही टीम थी। (वार्ता)

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