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क्या ग्लॉस्टर की रिपोर्ट की अनदेखी की?

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हमें फॉलो करें सचिन तेंडुलकर फिजियो जॉन ग्लॉस्टर
नई दिल्ली (भाषा) , बुधवार, 9 अप्रैल 2008 (21:29 IST)
सचिन तेंडुलकर सहित कई भारतीय क्रिकेटरों की पुरानी चोट उबर जाने से लगता है कि पूर्व फिजियो जॉन ग्लॉस्टर की ऑस्ट्रेलियाई दौरा समाप्त होने के बाद बीसीसीआई को सौंपी गई रिपोर्ट पर खास गौर नहीं किया गया, जिसमें उन्होंने कई खिलाड़ियों के लिए पूर्ण विश्राम की सिफारिश की थी।

भारतीय टीम 6 मार्च को ऑस्ट्रेलिया से स्वदेश पहुँची थी और उसे दो सप्ताह बाद ही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखल की तैयारियों में जुटना पड़ा जबकि ग्लॉस्टर ने कई प्रमुख खिलाड़ियों को दो से तीन सप्ताह का पूर्ण आराम देने के लिए कहा था।

लेकिन दौरे से लौटने के कुछ दिन बाद ही दक्षिण अफ्रीकी श्रृंखला की तैयारी में जुटने के कारण तेंडुलकर, युवराजसिंह, ईशांत शर्मा और हरभजनसिंह के अलावा कप्तान अनिल कुंबले, महेंद्रसिंह धोनी और एस. श्रीसंथ की पुरानी चोट फिर से उबर आई है, जिससे कानपुर में 11 अप्रैल से शुरू होने वाले तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच से पहले भारत एक 'फिट टीम' उतारने को लेकर जद्दोजहद कर रहा है।

तेंडुलकर ग्रोइन की चोट के कारण कानपुर मैच में भी नहीं खेल पाएँगे। कुंबले भी इसी तरह की चोट से परेशान हैं। हरभजन पाँव की माँसपेशियों में खिंचाव, युवराज दाएँ घुटने के दर्द, श्रीसंथ कंधे के दर्द, धोनी अँगुली की चोट और पीठ दर्द व ईशांत पैर के अँगूठे और दाएँ हाथ की अँगुली की चोट की पुरानी परेशानियों से फिर जूझ रहे हैं।

ग्लॉस्टर ने अपनी रिपोर्ट में इन सभी खिलाड़ियों की चोट का जिक्र किया था। तेंडुलकर ऑस्ट्रेलियाई दौरे में कमर और जाँघ के बीच के हिस्से में दर्द से परेशान रहे थे। चेन्नई में पहले टेस्ट मैच के दौरान उनका यह दर्द फिर से उबर गया, जिसका खामियाजा भारत ने अहमदाबाद में भुगता और इस स्टार बल्लेबाज की अनुपस्थिति में टीम को बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन से पारी की हार झेलनी पड़ी।

ऑस्ट्रेलियाई दौरे के तुरंत बाद अपना पद छोड़ने वाले ग्लॉस्टर ने तेंडुलकर के बारे में अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि उन्हें दौरे के बाद कम से कम दो सप्ताह के विश्राम की जरूरत है।

उन्हें इस स्थिति को दीर्घकालिक चरण में पहुँचने से रोकना होगा, ऐसे में इस पर नियंत्रण में दो सप्ताह का और समय लग सकता है। यही नहीं, पूर्व फिजियो ने तेंडुलकर के लिए दर्द समाप्त होने के बाद भी सामान्य उपचार जारी रखने की सिफारिश की थी।

युवराजसिंह के बाएँ घुटने की चोट का हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. डेविड यंग ने संपूर्ण जाँच की थी। ग्लॉस्टर ने हालाँकि दौरा समाप्त होने के बाद अपनी रिपोर्ट में उनके लिए क्रिकेट और अन्य कड़ी गतिविधियों से कम से कम दो-तीन सप्ताह के विश्राम के लिए कहा था। उन्होंने युवराज को व्यायाम, तैराकी, सइकिलिंग की सलाह भी दी थी।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अब तक भारत के सबसे सफल गेंदबाज रहे हरभजन की जाँच भी ग्लॉस्टर ने डॉ. यंग से कराई थी और उन्हें दौरे के बाद दो सप्ताह तक गेंदबाजी और रनिंग से बचने के लिए कहा था।

यही नहीं, उन्हें लंबी दूरी की दौड़ से बचने की सलाह भी दी गई थी। उन्होंने इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा था कि यह स्थिति जब उनकी गेंदबाजी में बाधक बनने लगे तो फिर ऑपरेशन पर भी विचार करना पड़ सकता है।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ त्रिकोणीय श्रृंखला के दूसरे फाइनल के दौरान धोनी के दाएँ हाथ की अँगुली चोटिल हो गई थी। ग्लॉस्टर ने भारत लौटने पर उसका एक्स-रे करने और उसी हिसाब से उपचार देने की सिफारिश की थी।

तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा को ग्लॉस्टर ने कम से दो या तीन सप्ताह के विश्राम की सलाह दी थी और कहा था कि इससे किसी तरह का समझौता नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने दिल्ली के इस गेंदबाज को अन्य उपचार के अलावा जलन रोधक विधियाँ अपनाने की सलाह भी दी थी।

एक अन्य तेज गेंदबाज श्रीसंथ कंधे के दर्द के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में भाग नहीं ले पाए थे और ग्लॉस्टर ने उन्हें कंधे से संबंधित कसरतों को करते रहने के लिए कहा था। इसके अलावा उन्होंने ऑलराउंडर इरफान पठान को भी दो सप्ताह के विश्राम की सलाह दी थी।

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