इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू वनडे सिरीज के पहले दो मैचों के लिए भारतीय टीम की घोषणा करते हुए क्या चयनकर्ताओं ने इसके संतुलन को महत्व दिया? क्या टीम में चुने हुए खिलाड़ियों में से सही टीम कॉम्बिनेशन मैदान में दिखाई देगा? क्या कुछ खिलाड़ियों के चोटिल हो जाने से चयनकर्ताओं के विकल्प खत्म हो गए? क्या चुनी हुई टीम से भारत सिरीज जीत सकता है?
इन सवालों के जवाब तो आने वाला समय ही दे सकता है, लेकिन यहां गौर करना जरूरी है कि जो टीम इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सिरीज में चुनी गई, क्या वह एलिस्टियर कुक की कप्तानी वाली इंग्लैंड टीम को हरा पाएगी?
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भारतीय टीम में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, गौतम गंभीर, सुरेश रैना और विराट कोहली को चुना गया है। इन चारों के अलावा बल्लेबाजी का जिम्मा अजिंक्य रहाणे, मनोज तिवारी पर रहेगा। रवींद्र जड़ेजा का रूप में टीम के पास एकमात्र हरफनमौला खिलाड़ी है।
भारतीय टीम की गेंदबाजी लाइन अप बेहद कमजोर है। चौदह सदस्यीय टीम में सात शुद्ध गेंदबाज चुने गए हैं, लेकिन प्रवीण कुमार को छोड़कर सभी युवा गेंदबाज हैं। आर अश्विन, वरुण आरोन, उमेश यादव, विनय कुमार, एस अरविंद, राहुल शर्मा, जैसे गेंदबाज इंग्लैंड के खिलाफ मैदान में होंगे। अगर युवा खिलाड़ियों के साथ कोई सीनियर गेंदबाज टीम में होता तो गेंदबाजी संतुलित हो सकती थी।
चुनी गई टीम में बल्लेबाजों की भी कमी लगती है। धोनी, गंभीर, रैना, कोहली के साथ एस बद्रीनाथ या यूसुफ पठान जैसा खिलाड़ी टीम को मजबूती दे सकते थे।
चुनी गई टीम के बारे में ज्यादा सोचने का कोई अर्थ नहीं है। ज्यादा मायने इस बात के हैं कि यह टीम मैदान कैसा खेल दिखाती है?