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क्लार्क ने माना टीम इंडिया का आभार

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नई दिल्ली (वार्ता) , शनिवार, 1 नवंबर 2008 (22:44 IST)
ऑस्ट्रेलियाई उपकप्तान माइकल क्लार्क ने शनिवार को कहा कि वे भाग्यशाली रहे कि उन्हें भारतीयों ने तीन जीवनदान देकर शतक बनाने का मौका दे दिया।

क्लार्क ने चौथे दिन के खेल के बाद कहा मैं भाग्यशाली हूँ और साथ ही भारतीयों का शुक्रगुजार हूँ कि उन्होंने मुझे तीन जीवनदान देकर शतक तक पहुँचने दिया। दो जीवनदान तो मुझे नाइंटीन में मिले। ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में शानदार 112 रन बनाने वाले क्लार्क ने साथ ही अपनी पारी पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा मुझे अपनी पारी को लम्बा खींचना था, ताकि ऑस्ट्रेलिया सुरक्षित स्थिति में पहुँच सके।

मुझे खुशी है कि मैं अपनी टीम को सुरक्षित स्थिति में ले जाने में सफल रहा। क्लार्क ने कहा हमारे सभी बल्लेबाजों ने बढ़िया संघर्ष किया। जब आपके सामने 600 से ज्यादा का स्कोर हो तो पूरी टीम को अच्छा खेलने की जरूरत होती है।

पहले हेडन और पोंटिंग ने अच्छी बल्लेबाजी की और उसके बाद मुझे अपनी पारी के दौरान शेन वॉटसन तथा कैमरुन व्हाइट से अच्छा सहयोग मिला। क्लार्क ने कहा भारतीय अब रक्षात्मक हो गए हैं, तभी उन्होंने लगभग पाँच ओवर शेष रहते ईशांत शर्मा को नाइटवाचमैन के रूप में भेजा। उन्होंने साथ ही कहा कि भारतीय अपने आज के प्रदर्शन से जरूर निराश हुए होंगे।

उन्होंने मैच के पाँचवें और आखिरी दिन रविवार को परिणाम निकलने की उम्मीद व्यक्त करते हुए कहा हमें निश्चित रूप से परिणाम की उम्मीद है। हम सुबह आक्रामक रुख के साथ उतरेंगे और एक दो विकेट जल्दी चटकाकर भारत को दबाब में लाने की कोशिश करेंगे।

यह पूछने पर कि भारत उनके सामने कितना लक्ष्य रखेगा, क्लार्क ने कहा हम उन्हें आउट करने और मैच जीतने की कोशिश करेंगे। पिच से स्पिन मिल रही है और तेज गेंदबाजों को भी मदद मिलेगी। टेस्ट के लिए कल शानदार दिन होगा। क्लार्क ने भारतीय कप्तान अनिल कुंबले की सराहना करते हुए कहा कि वे एक चैम्पियन खिलाड़ी हैं, जो अँगुली में 11 टाँके आने के बावजूद मैदान में उतरे और अपनी टीम के लिए गेंदबाजी की क्योंकि टीम को उनकी सख्त जरूरत थी।

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