एमआरएफ पेस फाउंडेशन के मुख्य कोच टीए शेखर का मानना है कि टीम इंडिया में जगह पाने का सपना देख रहे तेज गेंदबाजों को केवल गति हासिल करने पर नहीं बल्कि सटीक लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाजी करने पर ध्यान देना चाहिए तभी वह अच्छे गेंदबाज बन पाएँगे।
शेखर ने 2008 में तेज गेंदबाज तलाशने के अभियान 'गैटोरेट पेसर्स' की शुरुआत की घोषणा के अवसर पर कहा कि यदि कोई गेंदबाज 140 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंदबाजी कर लेता है तो उसका यह मतलब नहीं है कि वह टीम इंडिया में स्थान पा जाएगा।
उसे पहले सटीक लाइन लेंथ के साथ गेंदबाजी करने पर और अपनी शारीरिक एवं मानसिक फिटनेस मजबूत रखने पर ध्यान देना होगा तभी वह एक अच्छा तेज गेंदबाज बन सकेंगे।
उन्होंने साथ ही कहा कि एक अच्छा तेज गेंदबाज बनने के लिए कम से कम तीन से पाँच साल का समय लगता है। उन्होंने कहा कि यह अभियान देश में उभरते और प्रतिभाशाली तेज गेंदबाजों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने का एक मौका देता है।
इस अभियान के तहत देश के सात शहरों हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई, जमशेदपुर, कोलकाता, दिल्ली और बेंगलूर में 1000 से ज्यादा स्कूलों कॉलेजों और स्पोटर्स क्लब में अंडर 15 और अंडर 22 स्तर पर तेज गेंदबाजी प्रतिभाएँ तलाशी जाएँगी। इस अभियान के दो विजेताओं को चेन्नई स्थित एमआरएफ फाउंडेशन में प्रशिक्षण पाने का मौका मिलेगा।
पिछले वर्ष इस अभियान में चेन्नई के पीके धर्मा और दिल्ली के रविकांत शर्मा तथा अभिषेक कुमार सिंह का 1350 उम्मीदवारों में से किया गया था और इन्हें एमआरएफ फाउंडेशन में ऑस्ट्रेलिया के महान गेंदबाज डेनिस लिली से प्रशिक्षण मिला था।
धर्मा इस समय तमिलनाडु की अंडर 17 टीम में खेल रहें हैं जबकि रविकांत का चयन राजस्थान की रणजी टीम में किया गया है। इस वर्ष के दो विजेताओं का चयन दिल्ली में 21 और 22 जनवरी को नेशनल फाइनल्स में किया जाएगा।