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गांगुली की सीट पर होगी कइयों की निगाहें

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हमें फॉलो करें रणजी ट्रॉफी
नई दिल्ली (भाषा) , रविवार, 2 नवंबर 2008 (13:19 IST)
रणजी ट्रॉफी के कई बेजोड़ प्रदर्शन हालाँकि अधिकतर समय नजरअंदाज कर दिए गए, लेकिन भारतीय टीम के फैब फोर की ढलती उम्र और विशेषकर सौरव गांगुली के संन्यास के बाद सोमवार से शुरू हो रही राष्ट्रीय क्रिकेट चैंपियनशिप में कई युवा खिलाड़ी उत्कृष्ट प्रदर्शन करके भारतीय मध्यक्रम की इस हॉट सीट के लिए दावा पेश करना चाहेंगे।

गांगुली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर में होने वाले चौथे टेस्ट मैच के बाद संन्यास ले लेंगे और अभी तक चयनकर्ता यह तय नहीं कर पाए हैं कि इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट श्रृंखला में बाएँ हाथ के इस बल्लेबाज का स्थान कौन लेगा। चयनकर्ताओं ने इस हॉट सीट के लिए उपयुक्त व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी है और इस लिहाज से रणजी ट्राफी का प्रदर्शन काफी अहम होगा।

इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला से पहले रणजी ट्राफी के पाँच चरण पूरे हो जाएँगे और संभवतः तब तक चयनकर्ताओं के दिमाग में एक तस्वीर साफ हो जाएगी। इस सीट पर जो भी खिलाड़ी चुना जाएगा उस पर अपेक्षाओं का बोझ होगा, क्योंकि उसे गांगुली जैसे दिग्गज खिलाड़ी की जगह लेना होगी।

यही नहीं भारत का आगे का कार्यक्रम काफी व्यस्त है और उसे इंग्लैंड के बाद पाकिस्तान, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका से खेलना है। ऐसे में चयनकर्ता सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण के साथ के लिए एक मजबूत खिलाड़ी का चयन करना चाहेंगे।

भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों के लिए जो टीम चुनी उसमें तमिलनाडु के एस. बद्रीनाथ भी शामिल हैं, जिन्हें अब तक खेलने का मौका नहीं मिला है, लेकिन माना जा रहा है कि चयनकर्ता उन्हें भविष्य में भी मध्यक्रम को मजबूत बनाए रखने के लिए तैयार कर रहे हैं।

बद्रीनाथ के अलावा जो अन्य नए चेहरे इस हॉट सीट की दौड़ में अपनी कड़ी दावेदारी पेश करना चाहेंगे, उनमें चेतेश्वर पुजारा, रोहित शर्मा, विराट कोहली, मिथुन मन्हास, सुरेश रैना और पार्थिव पटेल प्रमुख हैं। इनके अलावा टेस्ट मैचों में पहले भी आजमाए गए युवराजसिंह और मोहम्मद कैफ भी चयनकर्ताओं को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे।

युवराज, रोहित, कोहली और रैना को संभवतः रणजी के पहले पाँच चरण के सभी मैचों में खेलने का मौका न मिले, क्योंकि इस दौरान इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला भी होगी। यदि इसमें युवराज या कोई अन्य खिलाड़ी बहुत बढ़िया प्रदर्शन करता है तो फिर संभवतः रणजी का प्रदर्शन बहुत मायने नहीं रखेगा जैसा कि भारतीय क्रिकेट में अकसर देखने को मिला है।

पुजारा पर सबकी निगाहें रहेंगी। एक सप्ताह में दो तिहरे शतक जड़ने वाला सौराष्ट्र का यह बल्लेबाज इस समय शानदार फार्म में है और उन्हें टेस्ट के लिए आदर्श खिलाड़ी माना जा रहा है। सौराष्ट्र को मुंबई, दिल्ली और पंजाब जैसी मजबूत टीमों से भिड़ना है और इनमें बढ़िया प्रदर्शन पुजारा की राह आसान कर सकता है।

आकाश चोपड़ा, दिनेश कार्तिक, रॉबिन उथप्पा, रविंदर जड़ेजा, शिखर धवन जैसे बल्लेबाजों तथा इरफान पठान और मुरली कार्तिक जैसे गेंदबाजों के लिए चयनकर्ताओं को प्रभावित करने का यह एक और मौका होगा।

चोपड़ा पिछले दो सत्र से रणजी में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें राष्ट्रीय टीम में वापसी का मौका नहीं मिला है। दिनेश कार्तिक भी फिलहाल टीम से बाहर हैं जबकि उथप्पा फिर से भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने को तैयार हैं।

चोपड़ा और मुरली कार्तिक दो ऐसे खिलाड़ी हैं जो पहले कह भी चुके हैं कि उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर उन्हें राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए कैसा प्रदर्शन करना है। नई चयन समिति के गठन से हालाँकि इनकी कुछ आशा बँधी होगी।

फैब फोर की तरह लेग स्पिनर अनिल कुंबले भी कैरियर के ढलान पर हैं। अमित मिश्रा को अभी उनका विकल्प माना जा रहा है जो कुंबले की तरह लेग स्पिनर हैं और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला में खेल भी रहे हैं, लेकिन पीयूष चावला, प्रज्ञान ओझा और चैतन्य नंदा भी अपना दावा मजबूत करने की कोशिश करेंगे। तेज गेंदबाजी विभाग में इरफान पठान, लक्ष्मीपति बालाजी, आशीष नेहरा फिर से चयनकर्ताओं का दिल जीतना चाहेंगे।

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