इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) से जुड़े बांग्लादेशी खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय तथा घरेलू क्रिकेट से संन्यास लेने के पीछे पूरे ढाँचे पर असंतोष जताया। हालाँकि उन्होंने इस बात से इनकार किया कि पैसों की चमक के कारण वे आईसीएल से जुड़ रहे हैं।
बांग्लादेश टीम के पूर्व कप्तान हबीबुल बशर ने कहा कि उनके लिए यह आसान निर्णय नहीं था, लेकिन उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था क्योंकि उनके करियर में ठहराव आ गया था।
उन्होंने कहा कि मैंने इस निर्णय तक पहुँचने से पहले काफी आँसू बहाए हैं और मेरे पास इसके कई कारण हैं। मेरे लिए परिस्थितियाँ काफी मुश्किल हो गई थीं। मुझे कहीं से भी सहयोग नहीं मिल रहा था। यहाँ तक कि प्रशिक्षक जैमी सिडंस का भी रवैया हताश करने वाला था। मेरा करियर पूरी तरह अधर में था।
बाएँ हाथ के स्पिनर मुशर्रफ मुर्तजा भी बशर का साथ देते हुए टीम प्रबंधन के प्रति अपनी नाराजगी नहीं छिपा सके। उन्होंने कहा कि वे हमारे बारे में नहीं सोचते, तो हम क्यों उनके बारे में सोचें। मुझे देश के लिए खेलते हुए भी मजा नहीं आ रहा था। सलामी बल्लेबाज शहरयार नफीस ने कहा कि वे जल्द ही संन्यास लेने के बारे में खुलासा करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस निर्णय के पीछे काफी गुस्सा, कुंठा और शिकायतें हैं। मैं समय के साथ इनका खुलासा करूँगा, क्योंकि उस समय मैं अनुबंधित नहीं रहूँगा। मैंने दस वर्षों की मेहनत के बाद राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई और मैं जानता हूँ कि देश के लिए खेलना गर्व की बात है, लेकिन इस समय मुझे इसमें मजा नहीं आ रहा है।
नफीस ने हालाँकि उन्होंने कहा कि उन्हें आईसीएल से पेशकश मिली है, लेकिन उन्होंने अभी तक स्वीकृति नहीं दी है। वे इस समय अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं।
विकेटकीपर धीमन घोष ने कहा कि टीम प्रबंधन ने उन्हें टीम में कभी भी अपना स्थान स्थिर करने का मौका ही नहीं दिया। यदि मैं देश का नंबर एक विकेटकीपर हूँ तो मुझे टीम से बार-बार क्यों हटाया जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनसे हमेशा यही कहा गया कि वे अपने साथी विकेटकीपर मुश्कीकुर रहीम के लिए जगह तैयार करें।