घरेलू क्रिकेट के ढाँचे में बदलाव चाहते हैं द्रविड़
नई दिल्ली , शनिवार, 16 जनवरी 2010 (00:20 IST)
भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने मौजूदा घरेलू कैलेंडर में बदलाव की माँग करते हुए कहा है कि रणजी मैचों के बीच पर्याप्त ब्रेक होना चाहिए ताकि खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें।रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में कर्नाटक के लिए खेलने वाले द्रविड़ ने कहा कि मैचों के बीच में समय नहीं होने के कारण काफी मैच ड्रॉ रहते हैं।उन्होंने ‘आउटलुक’ पत्रिका के आगामी संस्करण में छपे एक इंटरव्यू में कहा घरेलू सत्र काफी लंबा होता है, लिहाजा टीमें अपने गेंदबाजों को थकाना नहीं चाहती और जीत के नजरिये से नहीं खेलती। उन्होंने कहा हमें घरेलू मैचों की संख्या में कटौती करनी चाहिए। एक या दो टूर्नामेंट रद्द किए जा सकते हैं, जिससे रणजी मैचों के बीच पर्याप्त अंतराल रहेगा। द्रविड़ ने कहा कि रणजी ट्रॉफी मैचों के बीच अंतराल होने से खिलाड़ियों को आराम भी मिल सकेगा। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के रणजी ट्रॉफी में नहीं खेलने को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कुछ खिलाड़ी पूरे साल भारत के लिए खेलते हैं, यह आसान नहीं है। आराम जरूरी होता है। द्रविड़ ने राज्य संघों को सलाह दी है कि अगर उनकी अपने खिलाड़ियों के दीर्घकालीन विकास में रुचि हैं तो उन्हें अच्छे विकेट बनाने चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सुरक्षित खेलते हैं क्योंकि वे हारना नहीं चाहते लेकिन स्थानीय संघों को समझना होगा कि अगर वे अच्छे क्रिकेटर तैयार करना चाहते हैं तो उन्हें अपने खिलाड़ियों को अच्छे विकेट पर खिलाने की जरूरत है। उन्हें कुछ मैचों में हार का सामना करना पड़ सकता है लेकिन दीर्घकाल में उन्हें फायदा होगा। उन्होंने कहा कि मुझे तटस्थ क्यूरेटर की अवधारणा पसंद है और बोर्ड उन्हें निर्देश दे रहा है और इससे विकेटों का स्तर सुधर रहा है। मैसूर में रणजी ट्राफी फाइनल को देखने काफी लोग पहुँचे थे लेकिन द्रविड़ ने कहा कि व्यस्त जीवनशैली के कारण घरेलू प्रतियोगिताओं के लिए भारी भीड़ खींचना मुश्किल हो गया है। (भाषा)