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चौथा टेस्ट ड्रॉ, ऑस्ट्रेलिया सिरीज जीता

वीरेन्द्र सहवाग ने 151 रनों की शानदार पारी खेली

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एडीलेड (भाषा) , सोमवार, 28 जनवरी 2008 (15:05 IST)
विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने त्रिकोणीय श्रृंखला से पहले अपना जादुई 'टच' हासिल करके भारत को चौथे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच में संकट में नहीं पड़ने दिया, जिसके ड्रॉ छूटने से ऑस्ट्रेलिया ने काफी संघर्षपूर्ण रही टेस्ट श्रृंखला 2-1 से अपने नाम की।

पहली पारी में 153 रन बनाने वाले सचिन तेंडुलकर को मैन ऑफ द मैच' और ब्रेट ली को 'मैन ऑफ द सिरीज' घोषित किया गया।

भारत को ड्रॉ के लिए अंतिम दिन बल्लेबाजी करते रहना था। वह कुछ विषम क्षणों से गुजरा लेकिन सहवाग ने दूसरे छोर से पर्याप्त सहयोग न मिलने के बावजूद 151 रन की बेजोड़ पारी खेली, जिससे भारत ने खेल के पाँचवें और अंतिम दिन अपनी दूसरी पारी में सात विकेट पर 269 रन बनाए। इसके बाद दोनों टीमें ड्रॉ पर सहमत हो गई।

ऑस्ट्रेलिया ने मेलबर्न और सिडनी में खेले गए पहले दो टेस्ट में जीत की बदौलत बोर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पहले ही अपने नाम कर दी थी। भारत ने इसके बाद पर्थ टेस्ट जीतकर वापसी की लेकिन एडीलेड मैच ड्रॉ छूटने से ऑस्ट्रेलिया विवादों घिरी इस श्रृंखला को जीतने में सफल रहा।

पर्थ टेस्ट से टीम में वापसी करने वाले सहवाग ने अपनी पारी में जरूरत के हिसाब से आक्रामक और रक्षात्मक दोनों तरह का रवैया अपनाया। उन्होंने अपनी 13वीं टेस्ट शतकीय पारी में 236 गेंद का सामना किया तथा 11 चौके और दो छक्के लगाए।

ऑस्ट्रेलिया के महान विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट का यह अंतिम टेस्ट मैच था। अपने परिवार के साथ मौजूद गिलक्रिस्ट को मैच के बाद शानदार विदाई दी गई। भारत के भी प्रत्येक खिलाड़ी ने उनसे हाथ मिलाकर इस महान क्रिकेटर को अलविदा कहा।

इसके अलावा भारतीय कप्तान अनिल कुंबले, तेंडुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण का भी ऑस्ट्रेलिया में संभवत: यह अंतिम टेस्ट मैच था। भारत की पहली पारी के 526 रन के जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने जब 563 रन बनाए तो तब कुंबले की टीम ने मैच ड्रॉ कराने को तरजीह दी और उसके लिए पाँचवें दिन क्रीज पर टिके रहना जरूरी थी। भारत को हालाँकि दिन में कुछ विषम परिस्थितियों से गुजरना पड़ा लेकिन सहवाग की पारी ने उस पर संकट नहीं आने दिया।

भारत ने सुबह के सत्र में केवल तेंडुलकर (13) का विकेट गँवाया जो रन आउट हुए लेकिन उसे राहुल द्रविड़ की सेवाओं से भी वंचित होना पड़ा, जिनके दाएँ हाथ की अँगुली पर चोट लग गई और उन्हें एक्स-रे के लिए मैदान छोड़ना पड़ा। भारत ने सुबह एक विकेट पर 45 रन से आगे खेलना शुरू किया और द्रविड़ के रक्षात्मक रवैये के बावजूद स्कोर आगे बढ़ता रहा।

भारतीय टीम शुरू में तब संकट में पड़ी जब ब्रेट ली की तेजी से उठती गेंद द्रविड़ के दाएँ हाथ की बीच की अँगुली को चोटिल कर ई। द्रविड़ ने तब अपने कल के स्कोर 11 रन में कोई रन नहीं जोड़ा था। द्रविड़ ने उपचार लेने के बाद अपनी पारी जारी रखनी चाही लेकिन उन्हें मुश्किल हुई और बाद में फिजियो जॉन ग्लास्टर के कहने पर वह मैदान से बाहर चले गए।

सहवाग ने आक्रामक रवैया जारी रखा और बायें हाथ के स्पिनर ब्रैड हॉग पर छक्का और फिर चौका जमाया। उन्होंने मिशेल जानसन की गेंद पर एक रन लेकर 18 महीने बाद पहला शतक बनाया। इसके लिए उन्होंने 123 गेंद खेली, जिसमें 11 चौके और दो छक्के शामिल हैं।

इसके दो गेंद बाद तेंडुलकर ैवेलियन लौट गए। असल में वह उस रन के लिए दौड़ पड़े थे जो वास्तव में रन था ही नही। जॉनसन ने इसका पूरा फायदा उठाकर सीधे थ्रो पर उनका विकेट उखाड़ दिया। तेंडुलकर ने अपने 13 रन के लिए 69 मिनट बल्लेबाजी की और 35 गेंद का सामना करके एक चौका लगाया।

सहवाग और तेंडुलकर ने केवल 84 गेंद पर 72 रन की साझेदारी की। इसके बाद भी दूसरे छोर से विकेट गिरते रहे। भारत ने दूसरे सत्र में सौरव गांगुली (18) और वीवीएस लक्ष्मण (12) के विकेट गंवाये लेकिन सहवाग के प्रयासों की वजह से वह किसी भी समय संकट में नहीं दिखा।

दिल्ली के इस बल्लेबाज को जब लगा कि टीम संकट में पड़ सकती है तब उन्होंने जोखिम भरे शॉट कम खेले और लंच के बाद एक भी चौका नहीं जमाया। भारत ने दूसरे सत्र में केवल 68 रन जोड़े जिसमें सहवाग का योगदान केवल 29 रन रहा।

लंच के बाद भारत ने गांगुली के रूप में पहला विकेट गँवाया, जिनके कैच का फैसला तीसरे अंपायर ने दिया क्योंकि इसको लेकर भ्रम बना हुआ था कि कहीं एक्स्ट्रा कवर में माइक हस्सी के पास पहुँचने से पहले गेंद ने जमीन तो नहीं छू ली थी। टेलीविजन रीप्ले से हालाँकि साफ हो गया कि गेंद जमीन पर नहीं लगी थी और गांगुली को पैवेलियन लौटना होगा।

लक्ष्मण को फिर से ब्रेट ली ने अपना शिकार बनाया जिन्होंने अपने तूफानी तेवरों से भारतीयों को खासा परेशान किया। लक्ष्मण को विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट के हाथों कैच कराने से पहले ली ने राहुल द्रविड़ को भी चोटिल किया जिन्हें दायें हाथ की बीच की अँगुली में चोट लगने के कारण मैदान छोड़ना पड़ा।

एकदिवसीय टीम के कप्तान महेंद्रसिंह धोनी का श्रृंखला के अंत तक ॉर्म में न लौटना भारत के लिये चिंता का विषय हो सकता है। उन्होंने 20 रन बनाने के बाद ब्रेट ली की स्विंग लेती गेंद को ढीले हाथों से ड्राइव करने के प्रयास में मैथ्यू हेडन को दूसरी स्लिप में कैच दिया।

सहवाग की पारी का अंत आखिर में एंड्रयू साइमंड्स ने किया। सहवाग आगे बढ़कर पुश करना चाहते थे लेकिन गेंद उनके बल्ले का हल्का किनारा लेकर गिलक्रिस्ट के पास पहुँच गई, जिन्होंने टेस्ट करियर का अंतिम और कुल 416वां शिकार अपने नाम लिखाया।

ब्रैड हॉग ने भी हरभजनसिंह (7) को रिकी पोंटिंग के हाथों कैच कराकर पारी में अपना पहला विकेट लिया। कुंबले नौ और ईशांत शर्मा दो रन बनाकर नाबाद रहे। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से जॉनसन ने 33 रन और ब्रेट ली ने 74 रन देकर दो-दो विकेट लिए।

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