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छींटाकशी एक हद तक खेल का हिस्सा

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एडीलेड (भाषा) , गुरुवार, 14 फ़रवरी 2008 (20:12 IST)
बीसीसीआई भले ही छींटाकशी को क्रिकेट से बाहर करने की कोशिश कर रहा हो, लेकिन भारत के बायें हाथ के तेज गेंदबाज इरफान पठान ने कहा है कि उन्हें मैदान पर थोड़ी बहुत बातचीत से परहेज नहीं है लेकिन यह सीमा के अंदर होनी चाहिए।

बीसीसीआई सचिव निरंजन शाह ने कहा था कि अगले हफ्ते कुआलालम्पुर में होने वाली आईसीसी मुख्यकार्यकरी अधिकारियों की समिति की बैठक में बोर्ड छींटाकशी पर प्रतिबंध लगाने की माँग करेगा। इरफान ने हालाँकि इस बीच छींटाकशी का पक्ष लिया है।

पठान ने कहा छींटाकशी खेल का हिस्सा है और इसकी अपनी एक चमक है। एक तेज गेंदबाज के रूप में निजी तौर पर मुझे नहीं लगता कि बल्लेबाज को घूरना या ऐसा ही कुछ करना बुरी चीज है, लेकिन यह सीमा के अंदर होना चाहिए।

पर्थ टेस्ट में शानदार प्रदर्शन के साथ वापसी करने वाले बाएँ हाथ के इस तेज गेंदबाज ने कहा कि वह अपनी फॉर्म और फिटनेस से काफी खुश हैं। वह चाहते हैं कि प्रशंसक उन युवा खिलाड़ियों के बारे में अधिक चिंता न करें जिन्हें मौके नहीं मिल रहे हैं।

पठान ने कहा उनका समय भी आएगा। अब तक केवल चार मैच खेले गए हैं। अब भी काफी मैच बचे हैं। मुझे नहीं लगता इस बारे में अधिक चिंता करने की जरूरत है। उन्हें मौका मिलेगा। पठान ने वीरेंद्र सहवाग और युवराजसिंह का बचाव किया जबकि ईशांत शर्मा के शानदार प्रदर्शन पर उनकी प्रतिक्रिया का अंदाजा लगाया जा सकता था। इस तेज गेंदबाज ने वेलेंटाइन-डे पर विशेष संदेश दिया वेलेंटाइन-डे सबको मुबारक हो मुझे खूब सारे गुलाब भेजिए।

इस बीच मैनेजर विमल सोनी ने साफ किया है कि टीम फिजियो जॉन ग्लास्टर ने कुछ हफ्ते पहले ही इस्तीफा दे दिया था। भारतीय खिलाड़ियों में सचिन तेंदुलकर ने आउटडोर की जगह इंडोर अभ्यास को तरजीह दी। वह ऑस्ट्रेलियाई पिचों के उछाल और मूवमेंट को पहचान चुके हैं और उनका मानना है कि इंडोर अभ्यास के जरिये अपने कुछ शॉटों का तराशना ही बेहतर होगा।

हालाँकि कुछ बल्लेबाजों ने आउटडोर अभ्यास में जमकर पसीना बहाया। अब तक चार मैचों की सिर्फ दो पारियों में बल्लेबाजी करने वाले रोबिन उथप्पा ने कवर क्षेत्र में शॉट लगाने का खूब अभ्यास किया।

उथप्पा ने एक के बाद एक कई नेटों पर अभ्यास किया, जिसके बाद युवराज सिंह ने उन्हें कुछ देर ब्रेक लेने की सलाह दी। युवराज ने भी अपनी फॉर्म वापस पाने के लिए जीतोड़ मेहनत की।

उन्होंने बड़े और लंबे शॉट लगाए लेकिन बीच बीच में उन्होंने ऑफ स्टंप के बाहर जाती और शॉर्ट पिच गेंदों को भी नहीं बख्शा। पठान और मुनाफ पटेल ने पूरी गंभीरता के साथ उनकी परीक्षा ली।

कप्तान महेंद्रसिंह धोनी ने भी अपने हाथ साफ किए जबकि युवा बल्लेबाज मनोज तिवारी भी पीछे नहीं रहे। इसके विपरीत सहवाग और गंभीर ने अधिक पसीना नहीं बहाया।

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