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जल्द ही दोहरा शतक जमाएँगे सहवाग

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हमें फॉलो करें वीरेंद्र सहवाग
नई दिल्ली (भाषा) , गुरुवार, 12 मार्च 2009 (17:20 IST)
वीरेंद्र सहवाग की न्यूजीलैंड के खिलाफ हैमिल्टन में खेली गई नाबाद 125 रन की पारी को 'बेहद परिपक्व' करार देते हुए इस आक्रामक बल्लेबाज के कोच अमरनाथ शर्मा ने कहा कि दिल्ली का यह क्रिकेटर जल्द ही एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में दोहरा शतक जमाने में सफल रहेगा।

शर्मा ने कहा कि मैं पहले भी कहता रहा हूँ कि जिस दिन वे (सहवाग) 40 ओवर तक क्रीज पर टिक गए, उस दिन दोहरा शतक पूरा कर लेंगे। अब वे बेहद परिपक्व पारियाँ खेल रहे हैं और मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि वह दिन दूर नहीं जब वे वनडे में दोहरा शतक जमाएँगे।

सहवाग ने कल केवल 60 गेंद पर शतक जमाकर भारत की तरफ से सबसे तेज शतक का नया रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने मोहम्मद अजहरुद्दीन का रिकॉर्ड भंग किया जिन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ ही 1998 में वडोदरा में 62 गेंद पर शतक लगाया था।

न्यूजीलैंड दौरे पर जाने से एक दिन पहले सहवाग अपने कोच से मिलने आए थे। शर्मा ने कहा कि मैंने उन्हें टिककर खेलने की सलाह दी थी क्योंकि यदि वे क्रीज पर पाँव जमाए रखते हैं तो सभी जानते हैं कि उनका बल्ला चुप नहीं बैठा रहेगा।

सहवाग ने भी मैच के बाद कहा था कि क्रीज पर टिके रहने से एकदिवसीय मैचों में दोहरा शतक जमाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि छोटे मैदानों के कारण न्यूजीलैंड में ऐसा हो सकता है। सचिन तेंडुलकर क्राइस्टचर्च में तीसरे एकदिवसीय में इसके काफी करीब थे। अगर कोई छोटे मैदान पर 50 ओवर बल्लेबाजी करता है तो वह दोहरा शतक जमा सकता है।

न्यूजीलैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज ब्रेंडन मैक्कुलम ने भी इससे पहले कहा था कि सहवाग, तेंडुलकर और वेस्टइंडीज के क्रिस गेल जैसे बल्लेबाज एकदिवसीय मैचों में दोहरा शतक जमाने की क्षमता रखते हैं। वनडे में अभी तक कोई बल्लेबाज दोहरा शतक नहीं जमा पाया है और सर्वाधिक स्कोर का रिकॉर्ड पाकिस्तान के सईद अनवर (194) के नाम पर है।

शर्मा ने कहा कि सहवाग ने इस पारी के दौरान अपने बल्ले और आँखों का अच्छा तालमेल दिखाया और इससे उन्हें किसी भी गेंदबाज को खेलने में दिक्कत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि आपने देखा होगा कि कल वे डेनियल विटोरी के खिलाफ भी खुलकर खेले। विटोरी बहुत अच्छे गेंदबाज हैं और उनके सामने इस तरह से खेलना मुश्किल होता है।

कोच को सहवाग की यह पारी इसलिए भी खास लगी क्योंकि उन्होंने इस पारी के दौरान महान डॉन ब्रैडमैन की तरह गेंद को काफी पहले पढ़ने की अपनी काबिलियत का बेहतरीन नमूना पेश किया तथा नीची रहती गेंद को थर्ड मैन की तरफ खेलने का प्रयास नहीं किया, जिस पर वे अकसर आउट हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि कई बल्लेबाजों में गेंद छूटने से पहले ही उसे पढ़ने की क्षमता होती है और वह बल्लेबाज सफल रहता है। डॉन ब्रैडमैन ने भी कहा था कि वे गेंदबाज के हाथ से गेंद छूटने से पहले ही उसे समझ लेते थे। सहवाग में भी यह क्षमता है।

शर्मा ने कहा कि इसके अलावा उन्होंने नीची रहती गेंद को पीछे की तरफ नहीं खेला। आपने देखा होगा कि उन्होंने कल कोई ऐसा शॉट नहीं खेला। यह बेहद परिपक्व पारी थी।

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