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द. अफ्रीका को लाज बचाने का अंतिम अवसर

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हमें फॉलो करें दक्षिण अफ्रीका
जोहानसबर्ग , बुधवार, 13 जनवरी 2010 (23:08 IST)
सेंचुरियन और केपटाउन टेस्ट में चौथी पारी के अंतिम क्षणों में गेंदबाजों के निराशाजनक प्रदर्शन की वजह से सिरीज में चार टेस्ट मैचों की सिरीज में 0-1 से पीछे चल रहे दक्षिण अफ्रीका के लिए इंग्लैंड के खिलाफ यहाँ गुरुवार से होने वाले चौथे एवं अंतिम टेस्ट मैच में जीत ही सम्मान बचाने का एकमात्र सहारा बचा है।

सेंचुरियन और केपटाउन टेस्ट में मेजबान टीम एक विकेट के अंतर से जीत से चूक गई थी, वहीं मेहमान इंग्लैंड टीम डरबन टेस्ट पारी और 98 रन से जीतकर सिरीज में 1-0 की बढ़त ले चुकी है। मेजबान गेंदबाज अंतिम ओवरों के दौरान दोनों ही मौके पर अंतिम जोड़ी को नहीं तोड़ पाए।

दोनों ही टीमें इससे पहले यहाँ वांडरर्स के मैदान पर सात टेस्ट मैच खेल चुकी है, जिसमें से दोनों टीमों ने दो-दो मैच जीते हैं जबकि तीन मैच हार जीत के फैसले के बिना समाप्त हुआ है। दोनों टीमें पिछली बार यहां 2005 में भिड़ी थीं, जिसमें इंग्लैंड ने 77 रन से जीत हासिल की थी।

सिरीज में दक्षिण अफ्रीका की टीम की सबसे बडी कमजोरी गेंदबाजी रही है। दक्षिण अफ्रीका ने अपनी पूरी बेंच स्ट्रेंथ आजमा ली लेकिन उन्हें इस समस्या ने निजात नहीं मिल पाई। अब टीम ने आखिरी अस्त्र के रूप में डेल स्टेन और मोर्न मोर्कल के साथ वेन पार्नेल को उतारने का फैसला किया है।

दक्षिण अफ्रीकी टीम के खिलाड़ी भी मैच से पहले इंग्लैंड टीम के मनोवैज्ञानिक बढ़त को स्वीकार कर चुके हैं। मध्यक्रम के बल्लेबाज जैक्स कैलिस ने कहा है कि उनकी टीम को जीत के लिए भाग्य की जरूरत होगी तो दूसरी तरफ टीम के सबसे तेज गेंदबाज डेल स्टेन ने कहा है कि उनकी टीम को इंग्लिश बल्लेबाज पाल कोलिंगवुड से पार पाने का तरीका ढूँढना होगा। कोलिंगवुड पहले और तीसरे टेस्ट में मेजबान टीम की जीत में बाधा बने थे।

मेजबानों की तरफ से सलामी बल्लेबाज एश्ले प्रिंस, जेपी डुमिनी अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं तो इंग्लैंड की ओर से धाकड़ बल्लेबाज केविन पीटरसन तथा जोनाथन ट्राट का बल्ला पहले टेस्ट के बाद खामोश रहा है।

इंग्लिश टीम के बाकी बल्लेबाज शानदार फॉर्म में हैं। कप्तान एंड्रयू स्ट्रास और एलिस्टर कुक की सलामी जोड़ी तीन शतकीय साझेदारी कर चुकी है। इसके अलावा इयान बेल भी शानदार फॉर्म में हैं।

दक्षिण अफ्रीका की टीम में सिर्फ एक बदलाव पार्नेल के रूप में होगा। उन्हें घायल तेज गेंदबाज फ्रिडेल डि वेट की जगह टीम मेंशामिल किया जाएगा तो दूसरी ओर इंग्लिश टीम अपने एकादश को अपरिवर्तित रखना चाहेगी। इस बार वांडरर्स की पिच तेज गेंदबाजों के ज्यादा माकूल होगी। ऐसे में विकेटों का पतझड़ देखने को मिल सकता है। (वार्ता)

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