चयनकर्ताओं ने खराब फॉर्म के कारण राहुल द्रविड़ जैसे सीनियर बल्लेबाज को भी नहीं बख्शा इसलिए युवा दिनेश कार्तिक ने पाकिस्तान के खिलाफ शुरूआती दो वनडे के लिए चुनी गई भारतीय टीम से खुद को बाहर किए जाने के फैसले को स्वीकार करके अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कमर कस ली है।
कार्तिक अपने प्रदर्शन के बलबूते पर टीम में वापस आने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उन्हें अपने बढ़िया प्रदर्शन के मंत्र पर पर पूरा भरोसा है। तमिलनाडु के 22 वर्षीय कार्तिक पिछले 10 वनडे में केवल 19.33 के औसत से ही रन बना पाए और इन मैचों में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 44 रन रहा।
इसी कारण उन्हें टीम से बाहर होने का खामियाजा भुगतना पड़ा, लेकिन कार्तिक ने टीम चयन के एक दिन बाद हुए चैलेंजर ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में नाबाद 116 रन की विजेता पारी खेलते हुए चयनकर्ताओं को जवाब दिया।
कार्तिक ने बताया कि आपको अपने प्रदर्शन से बार-बार चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना होता है। टीम में चुना और बाहर किया जाना खेल का हिस्सा होता है।
मुंबई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम एक दिवसीय मुकाबले के लिए द्रविड़ की जगह कार्तिक को बुलाया गया था, लेकिन इसमें वह शून्य पर ही आउट हो गए।
पाकिस्तान के खिलाफ अंतिम तीन वनडे के लिए क्या वह टीम में वापसी की उम्मीद कर रहे हैं? उन्होंने कहा मैं इन सब चीजों के बारे में नहीं जानता क्योंकि यह चयनकर्ताओं का काम है। मेरा काम है खेलना और मुझे अपने प्रदर्शन में सुधार की जरूरत है। मुझे बहुत-सी चीजों पर काम करना है और मैं उन पर काम कर रहा हूँ।
राष्ट्रपति भवन में ट्वेंटी-20 विश्व चैंपियन को सम्मानित किए गए समारोह में कार्तिक ने कहा फिटनेस और क्षेत्ररक्षण अहम क्षेत्र हैं, जिस पर प्रत्येक खिलाड़ी को काम करना होता है।