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धुरंधर धराशायी, भारत की शर्मनाक हार

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हमें फॉलो करें त्रिकोणीय एकदिवसीय क्रिकेट श्रृंखला न्यूजीलैंड भारत श्रीलंका
दाम्बुला , मंगलवार, 10 अगस्त 2010 (22:50 IST)
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न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों की शॉर्ट पिच गेंदों की कमजोरी का जबरदस्त खुलासा करते हुए त्रिकोणीय एकदिवसीय श्रृंखला के शुरुआती मैच में मंगलवार को भारत को 200 रन की शर्मनाक हार का कड़वा घूँट पिलाया, जिससे वह आईसीसी वनडे रैंकिंग में तीसरे स्थान पर भी खिसक गया।

न्यूजीलैंड ने टॉस जीतने के बाद खराब शुरुआत से उबरते हुए कप्तान रोस टेलर (95) और स्कॉट स्टायरिस (89) के बीच चौथे विकेट के लिए 190 रन की साझेदारी की मदद से 48.5 ओवर में 288 रन बनाए, लेकिन डेरेल टफी की अगुवाई वाले कीवी आक्रमण के सामने भारतीयों के लिए यह लक्ष्य जल्द ही एवरेस्ट से भी बड़ा हो गया और आखिर में पूरी भारतीय टीम 29.3 ओवर में 88 रन पर ढेर हो गई।

यह वन डे में 24वाँ अवसर है जबकि भारतीय टीम 100 रन तक भी नहीं पहुँच पाई। न्यूजीलैंड के हाथों की उसकी यह सबसे करारी हार है, जबकि चौथी बार वह 200 या इससे अधिक रन से पराजित हुई। भारत की तरफ से तीन बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुँचे, जिनमें रविंदर जड़ेजा ने सर्वाधिक 20 रन बनाए, जबकि न्यूजीलैंड की तरफ से डेरल टफी ने तीन तथा काइल मिल्स और जैकब ओरम ने दो-दो विकेट लिए।

मैच में किसी भी समय ऐसा नहीं लगा कि यह दुनिया की दूसरे नंबर की टीम है और इसने हाल में इसी मैदान पर एशिया कप जीता था। न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों की शॉर्ट पिच गेंदों का भारतीय बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं दिया जिनमें से अधिकतर ने स्लिप क्षेत्र में कैच थमाए।

श्रीलंका में हाल में टेस्ट मैचों में धमाकेदार आगाज करने वाले सुरेश रैना (06) ने चौके से खाता खोला लेकिन वे भी टफी की शॉर्ट लेंथ गेंद पर स्लिप में कैच थमाकर पैवेलियन लौट गए। अब कप्तान महेंद्रसिंह धोनी (2) की बारी थी, जिन्होंने बेमतलब रन चुराने के प्रयास में अपना विकेट गँवाया। वनडे टीम में वापसी करने वाले युवराज (5) ने 25 गेंद खेलीं, लेकिन इस बीच वे असहज ही दिखे।

प्रवीण कुमार भी स्लिप पर कैच देने वाले चौथे बल्लेबाज बने। इस बार गेंदबाज ओरम थे जिनकी गेंद प्रवीण को पसंद नहीं आई। अभिमन्यु मिथुन (4) ने कुछ संघर्ष किया, लेकिन उन्होंने भी ओरम की गेंद पर स्लिप में कैच थमाया। जड़ेजा 44 गेंद तक क्रीज पर डटे रहे, लेकिन आखिर में केन विलियमसन ने उन्हें अपने करियर का पहला शिकार बनाया, जबकि आशीष नेहरा के आउट होने से भारतीय पारी का अंत हो गया।

इससे पूर्व भारत को पहली सफलता प्रवीण ने पारी के तीसरे ओवर में ही मार्टिन गुप्टिल (11) को धोनी के हाथों कैच कराकर दिलाई। नेहरा ने छठे ओवर में पीटर इंग्राम (12) को पैवेलियन की राह दिखाई जबकि प्रवीण ने मिडिल स्टंप से मूव करती गेंद पर अपना पहला मैच खेल रहे विलियमसन (शून्य) का ऑफ स्टंप उखाड़ा।

टेलर और स्टायरिस ने यहीं से पारी सँवारने का का बीड़ा उठाया। टेलर शुरू से ही आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन स्टायरिस को पाँव जमाने में थोड़ा समय लगा। उनके खिलाफ एलबीडब्ल्यू की कुछ विश्वसनीय अपीलें भी हुईं, जबकि धोनी ने उन्हें जीवनदान भी दिया। स्टायरिस जब 16 रन पर थे तब ओझा की गेंद पर धोनी ने उन्हें स्टंप आउट करने का आसान मौका गँवाया।

जब लग रहा था कि दोनों बल्लेबाज शतक पूरा करने में सफल रहेंगे तब ओझा ने स्टायरिस को बोल्ड करके यह साझेदारी तोड़ी। स्टायरिस ने ओझा के इस ओवर की पहली गेंद पर छक्का जमाया था, लेकिन तीसरी गेंद एक्रॉस द लाइन खेलने के प्रयास में उनकी गिल्लियाँ बिखर गईं। स्टायरिस ने 95 गेंद खेली तथा नौ चौके और एक छक्का लगाया।

ओरम (14) ने जडेजा के एक ओवर में दो चौके जड़े, लेकिन नेहरा ने उन्हें और टेलर को एलबीडब्ल्यू करके न्यूजीलैंड की गति पर रोक लगाई। टेलर की 113 गेंद की पारी में आठ चौके और एक छक्का शामिल है। निचले क्रम के बल्लेबाजों में टफी ने 13 गेंद पर 19 रन बनाए। (भाषा)

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