पूर्व टेस्ट क्रिकेटर और राष्ट्रीय चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष किरण मोरे ने एकदिवसीय टीम के कप्तान महेंद्रसिंह धोनी के बेबाक रवैये की जमकर तारीफ करते हुए आज यहाँ कहा कि सीनियर खिलाड़ियों के बारे में उन्होंने दिल की बात कहकर सही किया।
मोरे ने आज यहाँ आईसीएल के कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से कहा कि धोनी ने जो कुछ कहा मुझे अच्छा लगा। आप ही बताइए कि यदि कप्तान बयान नहीं देगा तो कौन देगा। धोनी ने साफ कर दिया था कि मुझे युवा टीम चाहिए और उन्होंने युवा खिलाड़ियों के सहारे जीत दर्ज करके दिखाई।
ऑस्ट्रेलिया में त्रिकोणीय श्रृंखला के लिए भारत ने युवा टीम पर भरोसा करके सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ जैसे खिलाड़ियों को नहीं चुना था। इस श्रृंखला में जीत के बाद कप्तान धोनी ने कहा कि वनडे टीम के लिए मुझे जो खिलाड़ी चाहिए उसके लिए मेरी राय साफ थी और चयनकर्ताओं ने उन्हें उनके हिसाब से टीम दी।
मोरे ने कहा कि इस देश में केवल सीनियर को बाहर करने पर हो हल्ला मचता है जबकि अच्छा प्रदर्शन करने वाले जूनियर की तरफ किसी का ध्यान तक नहीं जाता है।
उन्होंने कहा कि क्या किसी ने गौतम गंभीर का टेस्ट टीम में चयन न होने को भी बड़ा मसला बनाया। गंभीर इस समय बेहतरीन फार्म में है और मुझे हैरानी है कि उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट टीम में नहीं लिया गया।
मोरे ने इसके साथ ही कहा कि त्रिकोणीय श्रृंखला की जीत का श्रेय टेस्ट कप्तान अनिल कुंबले को भी मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुंबले ने इस जीत का मंच तैयार किया था। वह जिस तरह से मैदान के अंदर और बाहर के मसलों से निपटे, वह काबिले तारीफ था।
मोरे ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पदाधिकारियों को लगातार बयानबाजी करने से बचने की सलाह दी लेकिन साथ ही कहा कि सचिन तेंडुलकर जैसे सीनियर खिलाड़ियों की बात को पूरी तवज्जो दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि सचिन कुछ कहते हैं तो उनकी बात का सम्मान किया जाना चाहिए। जब मैं भी चयन समिति का अध्यक्ष था तो उनसे सलाह-मशविरा करता था। मुझे लगता है कि सीनियर-जूनियर के मसले को बंद कर देना चाहिए और यदि बीसीसीआई पदाधिकारी इस पर कुछ बोलते हैं तो इसका खिलाड़ियों पर दबाव पड़ेगा।
इस पूर्व विकेटकीपर ने इसके साथ ही कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की आगामी श्रृंखला में भारत का पलड़ा भारी रहेगा। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीकी टीम को गर्मी से निपटना होगा जबकि भारत को अपनी टीम में ताजगी बनाकर रखनी होगी और खिलाड़ियों को चोटिल होने से बचाना होगा।
उन्होंने कहा कि लेकिन मुझे लगता है कि भारत का पलड़ा कुछ भारी रहेगा और कुंबले इसमें अहम भूमिका निभाएँगे। गर्मियों के दिन हैं और इसमें पिच जल्दी शुष्क हो जाएगी। ऐसे में स्पिनरों को काफी मदद मिलेगी।