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नेतृत्व की परीक्षा में जयवर्द्धने कामयाब

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नई दिल्ली , सोमवार, 4 जून 2007 (00:05 IST)
यह कोई जादू नहीं बल्कि माहेला जयवर्द्धने के लड़ाकों की कड़ी मेहनत और जीत की अनबुझ प्यास का नतीजा है। श्रीलंका के कप्तान ने बल्ले को चित्रकार की कूची की तरह चलाया और मुरली की बलखाती गेंदों के तो क्या कहने।

न्यूजीलैंड को 81 रन के खासे अंतर से पीट कर श्रीलंकाई चीतों ने क्रिकेट की दुनिया में एक बार फिर अपनी दहाड़ सुनाई है। इस टीम की सबसे बड़ी खूबी चुनौतियों को स्वीकार करने और किसी भी स्थिति में जूझने की उसकी अद्भुत क्षमता है।

यह मैच पूरी तरह जयवर्द्धने के हाथ रहा। वह जानते थे कि यह काफी महत्वपूर्ण मैच है। श्रीलंका के कप्तान को यह पता था कि वह कुछ दिनों से बल्लेबाजी में खास नहीं कर पा रहे थे, लेकिन वह सभी बाधाओं को पीछे छोडते हुए एक विजयी नायक की तरह आगे बढ़े। यह मैच जयवर्द्धने की नेतृत्व कुशलता की एक कठिन परीक्षा थी और वह इसमें बखूबी कामयाब रहे।

न्यूजीलैंड पर शानदार जीत श्रीलंका के खिलाड़ियों की उन खूबियों का अभूतपूर्व प्रदर्शन था जिसके लिए वे जाने जाते है। इस जीत में पूरी टीम की मजबूती साफ झलक रही थी। सभी खिलाड़ियों को भूमिका दी गई थी और उन्होंने इसे अच्छी तरह निभाया। हालाँकि सनथ जयसूर्या नहीं चल पाए लेकिन टीम की बल्लेबाजी पर कोई फर्क नहीं पड़ा।

श्रीलंका की जो बात बसे अच्छी लगी वह उनके प्रदर्शन में मौजूद उनका अनुशासन था। हालाँकि शुरुआत में टीम ने कुछ हिचकोले जरूर खाए, लेकिन अंत नायाब था। जयवर्द्धने ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला करने के साथ ही जीत की ओर कदम बढ़ाना शुरू किया।

पहले बल्लेबाजी नहीं करने की ग्राउंड्समैन की सलाह के बावजूद यह काफी साहसिक निर्णय था क्योंकि उनकी अपनी योजना कुछ और थी। इस निर्णय से क्रिकेट की उनकी समझ की झलक भी मिलती है क्योंकि वह पिच का अनुमान काफी सही लगा लेते है।

जयवर्द्धने की रणनीति पहले बल्लेबाजी कर अच्छा स्कोर खड़ा करते हुए विरोधी टीम पर दबाव बनाने की थी। न्यूजीलैंड के लिए 290 रन के लक्ष्य में कप्तान के शानदार नाबाद शतक के साथ साथ हमें उपुल तरंगा के योगदान को भी नहीं भूलना चाहिए। जयसूर्या और संगकारा के सस्ते में निपटने के बाद तरंगा ने हरेक गेंद पर रन बनाकर पारी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

बल्लेबाजों के बाद अब गेंदबाजों को अपनी भूमिका अदा करनी थी और उन्होंने किया भी। न्यूजीलैंड की टीम को मिले दो शुरुआती झटकों ने किवीज के मध्यक्रम को उध़ेडने के लिए मुरलीधरन को अच्छी पृष्ठभूमि दी और बाकी का बचा काम मलिंगा ने एक विकेट चटकाकर पूरा कर दिया।

वास ने भी विरोधी बल्लेबाजों को एक एक रन के लिए तरसा कर टीम को शानदार जीत दिलाने में भूमिका अदा की। मंगलवार के दिन श्रीलंकाई टीम असाधारण रूप से अच्छी दिख रही थी।

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