नेल्सन और डबल नेल्सन से खास रिश्ता
नई दिल्ली , गुरुवार, 28 जनवरी 2010 (12:29 IST)
बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में 111 रनों पर रिटायर्ड हर्ट होने वाले भारत के मध्यक्रम के बल्लेबाज राहुल द्रविड़ का इस संख्या यानी नेल्सन और 222 यानी डबल नेल्सन से खास रिश्ता रहा है और वे इन दोनों संख्या पर आउट या नाबाद रहने वाले अकेले टेस्ट क्रिकेटर हैं।द्रविड़ बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे मैच में जब 111 रनों पर खेल रहे थे तो तेज गेंदबाज शहादत हुसैन की गेंद उनके जबड़े पर लगी और उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा था। इसके बाद वे बल्लेबाजी के लिए नहीं उतर पाए। यह दूसरा अवसर है, जबकि द्रविड़ नेल्सन की संख्या पर पवेलियन लौटे। इससे पहले वे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2008 में चेन्नई में खेले गए मैच में 111 रन पर आउट हुए थे।यही नहीं द्रविड़ एक बार 222 के स्कोर पर भी आउट हुए। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 2003 में अहमदाबाद में यह स्कोर यानी डबल नेल्सन बनाया था। इस तरह से टेस्ट मैचों में नेल्सन और डबल नेल्सन पर आउट होने वाले वे दुनिया के अकेले बल्लेबाज बन गए हैं।क्रिकेट में नेल्सन का खास महत्व है। इसे तीन स्टंप से जोड़कर देखा जाता है और माना जाता था कि जब स्कोर 111 रन रहता है तो कुछ अशुभ होता है, हालाँकि 1990 में ‘विजडन क्रिकेटर’ ने इस पर शोध किया और पाया कि जब स्कोर नेल्सन पर रहता तो तब अधिक विकेट नहीं गिरे तथा इसके बजाय अधिक विकेट तब गिरे जबकि टीम का खाता भी नहीं खुला था।नेल्सन को क्रिकेट में इसलिए भी जाना जाता है, क्योंकि इंग्लैंड के अंपायर डेविड शेफर्ड इस अंक को लेकर काफी अंधविश्वासी थे और जब भी स्कोर 111 रन रहता था तब वह अपना एक पाँव उठा देते थे। (भाषा)