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पंटर फिर बने टर्बनेटर के शिकार

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हमें फॉलो करें हरभजन सिंह रिकी पोंटिंग
नई दिल्ली (वार्ता) , शनिवार, 5 जनवरी 2008 (20:58 IST)
भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने पिछले चार सालों में दुनिया की हरेक टीम के खिलाफ रनों का अंबार खड़ा करने वाले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग को शनिवार को यहाँ एक बार फिर अपना शिकार बनाकर दोनों खिलाड़ियों के बीच जारी मनोवैज्ञानिक जंग में श्रेष्ठता साबित कर दी।

हरभजन ने जैसे ही अपनी गेंद पर पोंटिंग को शॉर्ट कवर पर खड़े वीवीएस लक्ष्मण के हाथों कैच कराया वह खुशी से झूम उठे और मैदान में ही पल्टियाँ मारने लगे। उनका यह जश्न करीब आधे मिनट तक चला जो पोंटिंग के विकेट की अहमियत खुद-ब-खुद दर्शाता है। उस समय सभी भारतीय खिलाड़ियों ने भी हरभजन के जश्न में खुले दिल से शिरकत की।

गौरतलब है कि मेलबोर्न टेस्ट में हरभजन का शिकार बनने के बाद पोंटिंग ने कहा था कि भले इस बार हरभजन ने मुझे आउट कर लिया है लेकिन अगली बार मैं पूरी तैयारी के साथ उनके खिलाफ उतरूँगा और कम से कम उनका शिकार तो नहीं ही बनूँगा। लेकिन उनका यह दावा सिडनी टेस्ट में दूसरी बार तार-तार हो गया।

आठ टेस्ट मैचों में यह आठवाँ अवसर है जब हरभजन ने पोंटिंग को अपनी फिरकी के जाल में उलझाकर पैवेलियन भेजा। इसके साथ ही वह पोंटिंग को सर्वाधिक बार आउट करने वाले गेंदबाज बन गए हैं। उनसे पहले इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज डॉरन गाफ ने पोंटिंग को सात बार आउट किया था।

मौजूदा सिरीज की अब तक की चार पारियों में पोंटिंग लगातार तीसरी बार भज्जी का शिकार बने हैं। इनमें से दो बार तो हरभजन ने उन्हें दहाई तक भी नहीं पहुँचने दिया। इसके अलावा 2001 की बहुचर्चित श्रृंखला में भी हरभजन ने 'पंटर' के नाम से लोकप्रिय पोंटिंग को तीन टेस्ट मैचों में पाँच बार अपने मायाजाल में फँसाया था। जिनमें से तीन बार तो पोंटिंग खाता भी नहीं खोल पाए थे।

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