पहले टेस्ट में सात बल्लेबाज उतारेंगे-कुंबले
भारत-अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट आज से
भारतीय कप्तान अनिल कुंबले ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बुधवार से यहाँ शुरू हो रहे पहले क्रिकेट टेस्ट में वह सात बल्लेबाज और चार गेंदबाजों को उतारने के पुराने फार्मूले पर अमल करेंगे। कुंबले ने कहा कि अंतिम एकादश का चयन अभी बाकी है, लेकिन वह दो स्पिनरों को लेकर उतरेंगे।
उन्होंने कहा कि हम दो स्पिनरों को उतारेंगे। अंतिम एकादश का चयन अभी नहीं किया गया है, लेकिन हम दो मध्यम तेज गेंदबाज और दो स्पिनरों को मौका देंगे। सौरव, सचिन और सहवाग अतिरिक्त गेंदबाज की कमी पूरी कर सकते हैं। वीरेंद्र सहवाग और वसीम जाफर पारी की शुरुआत करेंगे। वसीम अंतिम एकादश में होंगे। टीम में कोई भी खिलाड़ी फिटनेस समस्या से नहीं जूझ रहा है।
उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका से श्रृंखला जीतकर उनकी टीम आईसीसी रैंकिंग में दूसरे नंबर पर बने रहना चाहती है। यह ऑस्ट्रेलिया में किए गए शानदार प्रदर्शन की अगली कड़ी होगा। टेस्ट क्रिकेट के लंबे सत्र का यह आगाज है, जिसमें हर सत्र मायने रखता है।
कुंबले के अनुसार हम सभी तैयार हैं। हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। हमने ऑस्ट्रेलिया में भी ऐसा ही किया। टीम आत्मविश्वास से ओतप्रोत है। यदि हम श्रृंखला जीत सके तो नंबर दो पर बने रहेंगे। मेजबान टीम बड़ा स्कोर बनाकर दक्षिण अफ्रीका को दबाव में लाने की कोशिश करेगी।
उन्होंने कहा हम बड़ा स्कोर बना सकते हैं। अच्छी बल्लेबाजी करना बहुत जरूरी है जिससे हमें फायदा होगा। हमारे पास बड़ी पारियाँ खेलने वाले बल्लेबाज हैं। स्कोर बोर्ड पर काफी रन होने के बाद गेंदबाजों के लिए दबाव बनाना आसान होता है। हमने पहले भी ऐसे ही मैच जीते हैं।
पिच के बारे में उन्होंने कहा विकेट अच्छा दिख रहा है। चेन्नई की विकेट में उछाल अच्छी होती है। आगे यह स्पिनरों की मदद करेगी। मुझे नहीं लगता कि इतनी गर्मी में नमी कोई मसला होगी।
कुंबले ने कहा कि दक्षिण अफ्रीकी टीम को शान पोलाक की कमी खलेगी। उन्होंने कहा लेकिन एक टीम के रूप में पिछले कुछ सत्रों में उन्होंने उपमहाद्वीप में अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्हें इसका श्रेय दिया जाना चाहिए। यह हमेशा कठिन चुनौती देने वाली टीम रही है। मोर्केल एनटिनी और कैलिस के रूप में उनके पास अच्छी गेंदबाजी यूनिट है।
मार्क बाउचर के बयान कि छींटाकशी पर पूरी तरह से काबू नहीं किया जा सकता और आईसीसी से इस मसले पर कोई पत्र मिलने के बारे में पूछे जाने पर भारतीय कप्तान ने कहा हमें कोई पत्र नहीं मिला। हम यह समझते हैं कि सीमारेखा क्या है। मुझे उम्मीद है कि क्रिकेट सही भावना के साथ खेला जाएगा।
कुंबले ने कहा कि बाउचर के बयान का जहाँ तक सवाल है तो हर कोई समझता है कि मैदान पर स्वस्थ लड़ाई होना अच्छी बात है। हर किसी को पता है कि मैदान की बात मैदान पर ही रहनी चाहिए। हम सभी इतने परिपक्व हैं। खिलाड़ियों की ओर से मर्यादा के उल्लंघन के मामलों पर उन्होंने कहा मैच रैफरी ऐसे हालात से निपटने के लिये हैं। कई बार मैच रैफरी से जाकर मिलना पड़ता है। हम आईसीसी के नियमों का पालन करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि टीम के सदस्यों की मानसिक अनुकूलन विशेषज्ञ पैडी उप्टोन के साथ कार्यशाला अच्छी रही है। उन्होंने सभी खिलाड़ियों से रूबरू बात की है। अभ्यास मैच नहीं मिलने के बारे में उन्होंने कहा हमने काफी क्रिकेट खेली है। ऑस्ट्रेलिया में वनडे नहीं खेलने वालों ने देवधर ट्रॉफी खेला है। मेरा मानना है कि ब्रेक से हमेशा फायदा मिलता है।