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पहले भी डसता रहा है डकवर्थ/लुईस का नियम

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नई दिल्ली , मंगलवार, 4 मई 2010 (17:40 IST)
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इंग्लैंड की टीम पहले खेलते हुए 191 रन बनाने के बावजूद जब ट्वेंटी-20 विश्व कप में मेजबान वेस्टइंडीज के हाथों हार गई तो कप्तान पॉल कॉलिंगवुड डकवर्थ/लुईस नियम पर बरस पड़े, जिसके कारण पहले भी कई टीमों को जीत से महरूम होना पड़ा।

प्रोविडेन्स में खेले गए मैच में इंग्लैंड ने जब पाँच विकेट पर 191 रन बनाए तो वेस्टइंडीज केलिए जीत मुश्किल लग रही थी लेकिन कैरेबियाई टीम की पारी शुरू होते ही बारिश आ गई और फिर डकवर्थ/लुईस नियम से उसे छह ओवर में 60 रन बनाने केलिए कहा गया और क्रिस गेल की अगुवाई में कैरेबियाई टीम मैच जीतने में सफल रही ।

कोलिंगवुड ने इसके बाद ही डकवर्थ/लुईस नियम में बदलाव की मांग की। उन्होंने कहा क‍ि जब आपने 191 रन बनाए हों तो आपकी जीत 95 फीसदी तय मानी जाती है लेकिन लगता है डकवर्थ/लुईस की सोच एकदम भिन्न है।

वैसे यह पहला अवसर नहीं है जबकि कोई कप्तान इस नियम को लेकर झल्लाया होगा। इंग्लैंड को पिछले साल अपनी सरजमीं पर खेले गये ट्वेंटी . 20 विश्व कप में भी डकवर्थ/लुईस नियम के कारण वेस्टइंडीज के हाथों ही हार का सामना करना पड़ा था।

वैसे बारिश का नियम सबसे पहले चर्चा में 1992 के विश्व कप में आया था जब दक्षिण अफ्रीका की टीम को इंग्लैंड के खिलाफ जीत केलिए 13 गेंद पर 22 रन चाहिए थे लेकिन बीच में 12 मिनट के लिए बारिश आ गई। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए एक गेंद पर 22 रन का न्यौता मिला था। (भाषा)

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