पूर्व सलामी बल्लेबाज नवजोतसिंह सिद्धू ने भारत द्वारा सीबी त्रिकोणीय वन-डे श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया को 2-0 से पराजित करने को भारतीय क्रिकेट इतिहास की पाँच सर्वश्रेष्ठ जीत में से एक बताया। सिद्धू ने कहा- 'शेर दहाड़े हैं और उन्होंने अपने आगमन की सूचना दे दी है। भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल है।'
सामूहिक प्रयासों से मिली जीत : वाडेकर - पूर्व भारतीय कप्तान अजीत वाडेकर ने इस जीत का श्रेय सामूहिक प्रयासों को दिया। वाडेकर ने कहा - 'इस ऐतिहासिक जीत ने मुझे 1971 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के खिलाफ मिली टेस्ट जीत की याद दिला दी।' वाडेकर ने धोनी की नेतृत्व क्षमता तथा दोनों फाइनल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए तेंडुलकर की सराहना की।
इतिहास रचा : नाडकर्णी - पूर्व लेग स्पिनर बापू नाडकर्णी ने कहा कि हमारे खिलाड़ियों ने इतिहास रच दिया। यह जोरदार प्रदर्शन था और मैं उम्मीद करता हूँ कि ऐसा ही प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा।
उम्मीदों पर खरे उतरे युवा : बेग - पूर्व टेस्ट क्रिकेटर अब्बास अली बेग ने कहा -'यह सामूहिक प्रयासों की जीत है, लेकिन फिर भी मैं सबसे ज्यादा श्रेय कप्तान एमएस धोनी को दूँगा, क्योंकि उन्होंने चतुर नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया। युवा खिलाड़ी भी उम्मीदों पर खरे उतरे और उन्होंने अपने चयन को सही साबित किया। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का प्रदर्शन भी स्तर के अनुरूप नहीं रहा।
नए अध्याय की शुरुआत : पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर अमय खुरासिया ने इसे एक नए अध्याय की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा- हमारे लिए यह एक अच्छा संकेत है। लेकिन अब जिम्मेदारी बढ़ गई है और प्रदर्शन में निरंतरता रखनी होगी। टीम में युवाओं के होने से अलग ऊर्जा दिखती है। अब देखना यह होगा कि यह जूनुन कब तक कायम रहता है।
मानसिक रूप से हावी रहे : राष्ट्रीय चयनकर्ता संजय जगदाले ने कहा कि यह एक बेहतरीन जीत है। हम पूरे समय मानसिक रूप से हावी रहे। मैंने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की इतनी गिरी हुई बॉडी लैंग्वेज कभी नहीं देखी। हमने उन्हें मैदान के अंदर और बाहर दोनों जगह मात दी। ये युवा खिलाड़ी विपक्षी टीम की प्रतिष्ठा की परवाह नहीं करते। चयनकर्ताओं को भी पुरस्कार दिए जाने के विषय में उन्होंने कहा कि मुझे तो सराहे जाने की चिंता है राशि की नहीं।