लेग स्पिनर राहुल शर्मा के पिता चाहते थे कि उनका बेटा पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देकर बड़ा अधिकारी बने, लेकिन अब वह इंग्लैंड के खिलाफ वन-डे श्रृंखला के लिए राष्ट्रीय टीम में चुने जाने से काफी खुश हैं राहुल शर्मा के पिता तथा पंजाब पुलिस में बतौर सहायक उप निरीक्षक सेवा दे रहे प्रदीप शर्मा ने कहा कि उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि उनका बेटा राष्ट्रीय टीम के लिए चयनित हो गया है।
राहुल के बारे में उन्होंने बताया कि उसकी रुचि शुरू से ही खेल में अधिक थी। पढ़ाई में उसका मन कम लगता था। मैं तो उसे हमेशा ही उसे ज्यादा पढ़ने के लिए कहा करता था, लेकिन खेल में उसकी मां उसका समर्थन करती थी और खेल के बारे में वह हमेशा अपनी मां से ही बात करता था और अभी भी करता है।
उन्होंने कहा कि मुझे टीम में उसके चुने जाने की खबर जब मिली तो मैं भावुक हो गया और मेरे पास प्रतिक्रिया के लिए शब्द ही नहीं थे। जालंधर शहर के बाहरी इलाके मकसूदां निवासी शर्मा ने कहा कि यह राहुल की मेहनत का ही परिणाम है कि उसका चयन राष्ट्रीय टीम में हुआ है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह बेहतर प्रदर्शन करे और माता-पिता के साथ-साथ देश का भी नाम रोशन करे।
उन्होंने बताया कि जब वह 13 साल का था तब हमने बर्लटन पार्क क्रिकेट अकादमी में उसका दाखिला करवा दिया था। वहां के कोच और अन्य अधिकारियों ने उसकी काफी मदद की। जिसमें जालंधर जिला क्रिकेट संघ के सचिव सुरजीत राय बिट्टा का अहम योगदान है।
शर्मा ने कहा कि राहुल सुबह स्कूल जाता था। उसके बाद वह यहां आकर तुरंत क्रिकेट अभ्यास करने के निकल जाता था। रोजना उसकी प्रैक्टिस चार पांच घंटे की होती थी। मुझे तो भरोसा ही नहीं होता था कि वह यहां तक पहुंचेगा, लेकिन उसकी मां का उसमें गजब का भरोसा था।
उन्होंने कहा कि सर्दी, गर्मी, बरसात या फिर वह बीमार ही क्यों न हो एक दिन भी ऐसा नहीं था जब वह बर्लटन पार्क क्रिकेट के लिए नहीं जाता हो। मना करने पर भी वह जाता था। ईश्वर ने आज उसके उसी मेहनत का फल उसे दिया है उसे मैं चाहूंगा कि वह खूब नाम कमाए।
उन्होंने कहा कि क्रिकेट के आगे उसे कुछ याद ही नहीं रहता था। उसके लिए सब कुछ क्रिकेट ही था। उन्होंने कहा कि तीन भाई बहनों में सबसे बड़ा राहुल आजकल जालंधर डीएवी कॉलेज का छात्र है और वह अंग्रेजी में एमए की पढ़ाई कर रहा है। (भाषा)