क्रिस गेल की अगुवाई में वेस्टइंडीज की टीम अगले साढ़े सात हफ्ते में यहाँ पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उस सफलता को हासिल करने का प्रयास करेगी जिसका स्वाद पहले उसकी टीम ने कभी नहीं चखा है।
वेस्टइंडीज की टीम दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर कभी भी शानदार प्रदर्शन नहीं कर पाई है, लेकिन इस दौरे पर गेल को कम से यह संतोष तो रहेगा कि उनकी टीम पिछले दौरों से ज्यादा खराब प्रदर्शन नहीं करेगी।
वर्ष 1998-99 में वेस्टइंडीज ने यहाँ पर दक्षिण अफ्रीका से सभी पाँच टेस्ट मैचों में शिकस्त का सामना किया था। कप्तान ब्रायन लारा, कोर्टनी वॉल्श, कर्टली एम्ब्रोस जैसे स्टार खिलाड़ियों की मौजूदगी के बावजूद वह एक दिवसीय श्रृंखला में भी 6-1 से हार गया था।
पाँच सत्र के बाद लारा को दोबारा से टीम की कप्तानी सौंपी गई, लेकिन टीम को फिर टेस्ट में 3-0 से शिकस्त का सामना करना पड़ा। इसमें एक मैच ड्रॉ रहा था। इसके बाद एक दिवसीय श्रृंखला में भी उसे 3-1 से मात मिली थी।
गेल ने वादा किया कि जब उनकी टीम सोमवार को दक्षिण अफ्रीका पहुँचेगी तो वेस्टइंडीज की टीम कमजोर दिखने के बजाय मुकाबलों में कड़ी चुनौती देने के लिए तैयार होगी।
वॉल्श और एम्ब्रोस की जोड़ी जिस तरह से नई गेंद से गेंदबाजी करती थी, वैसा कोई जोड़ीदार अभी तक वेस्टइंडीज टीम को नहीं मिला है जबकि लारा ने संन्यास ले लिया है। स्टार बल्लेबाज रामनरेश सरवन भी घुटने की चोट के कारण इस दौरे पर नहीं आएँगे।
गेल खुद माँसपेशियों में खिंचाव के कारण दौरे के अभ्यास मैचों में मखाया एंटीनी की एकादश टीम के खिलाफ शुक्रवार को ईस्ट लंदन में होने वाले सीमित ओवरों के और पोर्ट एलिजाबेथ में ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में नहीं खेलेंगे। उम्मीद है कि वह 26 दिसंबर को पोर्ट एलिजाबेथ में होने वाले शुरुआती टेस्ट में पूरी तरह फिट हो जाएँगे।