क्रिकेट के ऐतिहासिक मैदान लॉर्ड्स में 75 साल में पहली एशेज जीत की इंग्लैंड की कोशिशों को एंड्रयू फ्लिंटॉफ के घायल होने से करारा झटका लगा है। फ्लिंटॉफ का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुरुवार से यहाँ होने वाले दूसरे टेस्ट मैच में खेलना संदिग्ध है।
फ्लिंटॉफ पिछले सप्ताह कार्डिफ में पहले टेस्ट मैच के दौरान क्षेत्ररक्षण करते समय घायल हो गए थे। उनके दाएँ घुटने में चोट लगी है, जिसका उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग में चोटिल होने के बाद ऑपरेशन करवाया था। इंग्लैंड टीम के संतुलन के लिए बेहद महत्वपूर्ण फ्लिंटॉफ की चोट का मतलब है कि यह ऑलराउंडर उस स्तर का खेल नहीं दिखा पाएगा जैसा कि उन्होंने 2005 में एशेज जीत में दिखाया था।
इसके बावजूद कार्डिफ में फ्लिंटॉफ इंग्लैंड के अकेले ऐसे तेज गेंदबाज दिखे जिसने कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को परेशानी में डाला। जेम्स एंडरसन और मोंटी पनेसर के बीच अंतिम विकेट के लिए 40 मिनट तक चली साझेदारी के कारण ऑस्ट्रेलिया इस मैच में जीत दर्ज नहीं कर पाया था।
इंग्लैंड ने फ्लिंटॉफ को कवर करने के लिए तेज गेंदबाज स्टीफन हार्मिसन को बुलाया है, जिन्होंने चार साल पहले यहाँ बाउंसर पर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग को घायल किया था। हार्मिसन का अंतिम ग्यारह में स्थान के लिए डरहम के अपने साथी गेंदबाज ग्राहम ओनियन्स से मुकाबला है, लेकिन फ्लिंटॉफ के फिट होने की दशा में भी उन्हें टीम में लिए जाने की संभावना है।
इंग्लैंड के कोच एंडी फ्लावर ने फ्लिंटॉफ की प्रगति को सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा कि जिस सर्जन ने उसका ऑपरेशन किया था उसे विश्वास है कि फ्रेडी को यह मैच खेलने में दिक्कत नहीं होगी। उनका सुझाव है कि वे खेलने के योग्य हैं, लेकिन ईमानदारी से कहूँ तो फ्रेड की चोटों का रिकॉर्ड देखते हुए हम हमेशा सतर्क रहते हैं।
हार्मिसन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अभ्यास मैच में इंग्लैंड लायन्स की तरफ से छह विकेट लिए थे तथा उन्होंने दो बार सलामी बल्लेबाज फिलिप ह्यूज को शार्ट गेंदों पर आउट किया था।
इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस पाँच गेंदबाजों के साथ उतरने के पक्षधर हैं, क्योंकि कार्डिफ में ऑस्ट्रेलिया ने 674 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया और इस बीच केवल छह विकेट गँवाए, लेकिन यदि फ्लिंटॉफ नहीं खेल पाते हैं और उनके स्थान पर गेंदबाज को लिया जाता है तो इसका मतलब होगा कि इंग्लैंड के पुछल्ले बल्लेबाजों की संख्या बढ़ जाएगी और ऐसी दशा में बल्लेबाज इयान बेल की वापसी हो सकती है।
पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड के तीन बल्लेबाजों ने अर्धशतक जमाया लेकिन उसे शतक में तब्दील नहीं कर पाए। फ्लावर और चयनकर्ता शीर्ष क्रम को एक और मौका दे सकते हैं। फ्लावर ने कहा कि निश्चित तौर पर बल्लेबाजी में हम मौकों का फायदा नहीं उठा पाए तथा गेंदबाजी में हम उन पर दबाव बनाने में असफल रहे। फ्लावर ने हालाँकि कहा कि टीम ने कार्डिफ में जिस तरह से मैच बचाया उससे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ा है। उन्होंने कहा कि हम मैच में हर विभाग में उनसे पीछे रहे लेकिन हमने जो जज्बा दिखाया उससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है।
स्टार बल्लेबाज केविन पीटरसन की पहली पारी में आउट होने के तरीके की कड़ी आलोचना हुई है। पीटरसन तब 69 रन पर थे जब उन्होंने नाथन हार्टिज की गेंद स्वीप करने के प्रयास में अपना विकेट गँवाया। वे फिर से ऐसी गलती से बचना चाहेंगे क्योंकि इंग्लैंड की बल्लेबाजी का दारोमदार उन्हीं पर टिका है।
जहाँ तक ऑस्ट्रेलिया का सवाल है तो पोंटिंग की टीम लॉर्डस में 1934 से चला आ रहा अजेय रहने का रिकार्ड बनाए रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उसे फिर से तेज गेंदबाज ब्रेट ली के बिना उतरना पड़ेगा जो पसली की चोट के कारण पहले टेस्ट मैच में भी नहीं खेल पाए थे।
ऑस्ट्रेलिया संभवत: उसी टीम के साथ उतरेगा जो उसने पहले टेस्ट मैच में उतारी थी, हालाँकि स्टुअर्ट क्लार्क अंतिम एकादश में जगह बनाने के हकदार हैं। फॉर्म और इतिहास ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में है और देखना है कि इंग्लैंड लॉर्डस का इतिहास बदल पाता है या नहीं।