इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक आथर्टन का मानना है कि इस सप्ताह बेल्जियम दौरे पर एंड्रयू फ्लिंटॉफ का टीम बस में बैठने से चूकना एशेज श्रृंखला से पहले गैर जरूरी व्यवधान है।
आथर्टन ने 'द टाइम्स' में कहा उन्होंने फिर ऐसा किया। एंड्रयू फ्लिंटॉफ की वापसी हुई है और चर्चा फिर क्रिकेट के बारे में नहीं, बल्कि अनुशासन समय की पाबंदी और अल्कोहल को लेकर हो रही है।
उन्होंने कहा फ्लांडर्स का दौरा खिलाड़ियों की सोच का दायरा विस्तृत करने और जनसंपर्क सुधारने के लिए आयोजित किया गया था। ऐसे में फ्लिंटॉफ का बस पकड़ने से चूकना, ऐसी खबर है जिसे कोई सुनना नहीं चाहता होगा।
आथर्टन ने कहा कि इस प्रकरण ने इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू स्ट्रास और कोच एंडी फ्लावर के टीम पर दबदबे को लेकर सवाल पैदा कर दिए हैं।
उन्होंने कहा इससे साबित होता है कि टीम कप्तान का अपेक्षित सम्मान नहीं करती। स्ट्रास और फ्लावर की खिलाड़ियों पर नहीं चलती। ऐसा लगता है कि इंग्लैंड टीम नायकों से नहीं बल्कि किशोरों से भरी एक ऐसी टीम है जो खुद को संभाल नहीं पाते।