विश्व कप के सेमीफानल में श्रीलंका के हाथों करारी शिकस्त झेलने वाली न्यूजीलैंड टीम के कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग ने एक दशक से भी अधिक समय तक टीम की अगुआई करने के बाद वन-डे टीम की कप्तानी छोड़ दी है।
श्रीलंका के हाथों 81 रन की शिकस्त के बाद अपने फैसले की घोषणा करते हुए फ्लेमिंग ने कहा कि उन्होंने यह कदम बल्लेबाज के रूप में अपने अंदर नई उर्जा भरने के लिए उठाया है।
बाएँ हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा कि उन्होंने अपने भविष्य के बारे में फैसला कुछ समय पहले ही कर लिया था।
फ्लेमिंग ने कहा मैं काफी समय पहले ही यह सोच रहा था हालाँकि न्यूजीलैंड क्रिकेट (एनजेडसी) को इसकी जानकारी नहीं दी थी, क्योंकि मैं विश्व कप की तैयारियों को बाधित नहीं करना चाहता था।
दस साल से अधिक समय तक कीवी टीम की कप्तानी करने वाले फ्लेमिंग के नेतृत्व में टीम ने 217 मैच खेले, जिनमें से 98 में उसे जीत मिली, जबकि 106 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि अगर मौका मिला तो वह टेस्ट मैचों में कप्तान और एक दिवसीय मैचों में बल्लेबाज की भूमिका जारी रखने को तैयार हैं।
न्यूजीलैंड के कप्तान ने कहा मैं 34 वर्ष का हूँ और अब अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहता हूँ। मैं अच्छा व्यक्तिगत प्रदर्शन करना चाहता हूँ। यह समय कुछ नए खिलाड़ियों को मौका देने का है।
टेस्ट और वन-डे में अलग अलग कप्तान होने पर किसी भी प्रकार के टकराव की आशंका से इंकार करते हुए फ्लेमिंग ने कहा कि टीम को थोड़ा सा तराशने से हमें सही परिणाम मिलने लगेंगे।
कप्तानी के लिए उन्होंने पिछले कुछ समय से टीम के उप-कप्तान डेनियल विटोरी का समर्थन किया लेकिन उनका मानना है कि बोर्ड को स्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने देना ही न्यूजीलैंड के क्रिकेट के लिए सर्वश्रेष्ठ होगा।
फ्लेमिंग ने 267 मैच में 32.41 की औसत से 8037 रन बनाए हैं, जिसमें आठ शतक और 49 अर्द्धशतक शामिल हैं। उन्होंने कहा हम पाचवीं बार विश्व कप के सेमीफाइनल मे पहुँचे हैं और हमारे संसाधनों का देखते हुए और टीम में बहुत सारे विश्व स्तरीय खिलाड़ी न होने के बावजूद यहाँ तक पहुँचना बुरा परिणाम नहीं है।
उन्होंने कहा लेकिन अगर आपके पास अच्छे खिलाड़ी नहीं हैं तो आप कभी न कभी जरूर होंगे। फ्लेमिंग ने स्वीकार किया कि सेमीफाइनल में श्रीलंका उनकी टीम पर पूरी तरफ हावी रही। उन्होंने कहा विश्व कप में आते समय ही हमें लगा था कि सिर्फ ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका की टीम ही हमें परेशान कर सकती है।
फ्लेमिंग का मानना है कि श्रीलंकाई टीम कौशल के मामले में उनकी टीम से बेहतर थी। उन्होंने कहा श्रीलंका की टीम हमारी टीम से अधिक कुशल थी। उनकी टीम में कई असाधारण गेंदबाज हैं और आस्ट्रेलिया या दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी अच्छी है। इसलिए फाइनल में अच्छी गेंदबाजी और बेहतरीन बल्लेबाजी के बीच मुकाबला होगा। फ्लेमिंग को नहीं लगता कि सेमीफाइनल में उनकी टीम की हार में टास ने अहम भूमिका निभाई।
कीवी टीम के कप्तान ने कहा यह प्रभाव डाल सकता है लेकिन मैच का नतीजा निर्धारित नहीं कर सकता। कप्तानी पारी खेलने और टीम को संभालने के लिए फ्लेमिंग ने श्रीलंकाई टीम के कप्तान महेला जयवर्धने की जमकर तारीफ की। फ्लेमिंग ने कहा वह अच्छा कप्तान है जिसका रवैया काफी अच्छा है और उसकी पारी उल्लखनीय थी।