बीसीसीआई की टेस्ट पहल से राहुल द्रविड़ गदगद
बेंगलुरु , बुधवार, 6 जनवरी 2010 (22:39 IST)
टीम इंडिया के भरोसेमंद बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने इस बात पर खुशी जताई है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) टीम के लिए ज्यादा टेस्ट आयोजित कराने की योजना बना रहा है।द्रविड़ ने उत्तर प्रदेश के खिलाफ कर्नाटक को रणजी ट्राफी के फाइनल में पहुँचाने के बाद संवाददाताओं से कहा कि मुझे बोर्ड की इस पहल से बेहद खुशी हुई है। टीम को हर वर्ष कम से कम दस टेस्ट खेलने चाहिए।उल्लेखनीय है कि भारत की इस वर्ष केवल दो टेस्ट खेलने की योजना थी, लेकिन बीसीसीआई ने दक्षिण अफ्रीका को आगामी भारत दौरे पर दो टेस्ट खेलने के लिए राजी कर लिया है और साथ ही आस्ट्रेलिया के साथ भी इस संबंध में बात चल रही है।39
बार के चैंपियन मुंबई के खिलाफ रणजी ट्राफी फाइनल के बारे में पूछने पर कर्नाटक के कप्तान द्रविड़ ने कहा कि उनकी टीम ने इस सत्र में बेहतरीन प्रदर्शन किया है जिसे वह खिताबी मुकाबले में भी जारी रखेगी1उन्होंने कहा कि हमारे पास खोने के लिए कुछ नहीं है। मुंबई एक बेहतरीन टीम है और उसके पास कई अच्छे और अनुभवी खिलाड़ी हैं, लेकिन जब मैच होता है तो ये चीजें मायने नहीं रखती हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि उस मैच में आप कैसा प्रदर्शन करते हैं।द्रविड़ को बंगलादेश के खिलाफ 17 जनवरी से शुरु हो रही दो मैचों की टेस्ट श्रृंखला के लिए टीम इंडिया में शामिल किया गया है जबकि रणजी का फाइनल 11 से 15 जनवरी तक खेला जाना है। रणजी फाइनल के लिए अपनी उपलब्धता के बारे में द्रविड़ ने कहा कि यह कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ और बीसीसीआई पर निर्भर है।उन्होंने कहा कि अगर रणजी फाइनल एक दिन पहले शुरु होता है तो वह इसमें खेल सकेंगे। मुंबई क्रिकेट संघ भी इस मुकाबले को एक दिन पहले शुरु करवाने के पक्ष में है ताकि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर इस मैच में खेल सकें। द्रविड़ और सचिन को 15 जनवरी की शाम को ढाका में टीम से जुडना है।द्रविड़ ने कहा कि रणजी फाइनल के लिए मेरी उपलब्धता भारतीय टीम प्रबंधन पर निर्भर करती है। मुझे 15 जनवरी की शाम को ढाका में टीम से जुडना है। मुझे कर्नाटक की ओर से रणजी के फाइनल में खेलकर खुशी होगी लेकिन अगर मैं नहीं खेल पाया तो भी कोई हर्ज नहीं है। हमारी युवा टीम मेरे बिना भी अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम है। (वार्ता)