ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के पूर्व कोच जॉन बुकानन का मानना है कि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर के फुटवर्क में आई शिथिलता का लाभ उठाते हुए आगामी ऑस्ट्रेलियाई दौरे में उन्हें शॉर्ट पिच गेंदों की बौछार करके आउट किया जा सकता है।
अपने कार्यकाल में ऑस्ट्रेलिया को दुनिया की नंबर एक टीम बनाने वाले बुकानन ने दैनिक 'हेराल्ड सन' को बताया कि सचिन की बल्लेबाजी का वीडियो विश्लेषण करने से यह तथ्य सामने आया है कि इन दिनों पारी की शुरुआत में उनका फुटवर्क थोड़ा धीमा रहता है, जिसकी वजह से वह शॉर्ट पिच गेंद को ठीक से खेल नहीं पा रहे हैं।
बेहद कुशल रणनीतिकार माने जाने वाले बुकानन ने कहा कि पिछले कुछ समय से मैं देख रहा हूँ कि पारी की शुरुआत में सचिन का पैर ठीक से नहीं चलता है और न ही उस वक्त उनकी बल्लेबाजी में लय होती है। इस स्थिति में अगर सचिन को बढ़िया गति वाली शॉर्ट गेंद फेंकी जाएँ तो वह एक कारगर हथियार हो सकता है।
अगले महीने भारत के खिलाफ शुरू हो रही टेस्ट सिरीज में ऑस्ट्रेलिया को इसका खास ख्याल रखना होगा। हालाँकि उन्होंने कहा कि सचिन के खिलाफ यह गेंद हमेशा कारगर नहीं हो सकती है लेकिन इससे उन्हें बैकफुट पर धकेला जा सकता है जिसके बाद पूरी लंबाई वाली एक गेंद उनका काम तमाम कर सकती है।
बुकानन ने कहा कि बैकफुट पर खड़े सचिन इस फुल लेंथ गेंद को वह स्लिप के ऊपर से मारने की कोशिश कर सकते हैं जबकि अपनी पारी की शुरूआत में उनका गेंद पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं रह पाएगा।
बुकानन ने इस तरह की गेंदबाजी के लिए तूफानी गेंदबाज ब्रेट ली को एकदम माकूल मानते हुए कहा कि ली अपनी तेज रफ्तार के कारण ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण की अहम कड़ी हो सकते हैं।
बुकानन ने सचिन की एक और कमजोरी की तरफ इशारा किया है। उन्होंने कहा है कि सचिन बाएँ हाथ के तेज गेंदबाजों के खिलाफ भी पूरे विश्वास से नहीं खेल पाते हैं।
पिछले समय में मिशेल जॉनसन ने उनके खिलाफ अच्छी गेंदबाजी की है और मुझे उम्मीद है कि वह बाएँ हाथ की अपनी गेंदबाजी की वजह से सचिन को एक बार फिर मुश्किल में डाल सकते हैं।
दरअसल सचिन को लेकर बुकानन की चिंता वाजिब भी है। टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर खडे सचिन ने ऑस्ट्रेलिया को अपनी बल्लेबाजी से काफी परेशान किया है और बुकानन समेत कोई भी रणनीतिकार उनकी काट नहीं खोज पाया है। सचिन ने बेहद कठिन माने जाने वाले ऑस्ट्रेलियाई दौरों पर अब तक 54.।6 के औसत से रन बनाए हैं।
भारतीय टीम चार टेस्ट मैचों की सिरीज खेलने के लिए दिसंबर के तीसरे सप्ताह में ऑस्ट्रेलिया पहुँचेगी। भारत ने वर्ष 2003-04 के पिछले दौरे में ऑस्ट्रेलिया को बेहद मुश्किल स्थिति में डाल दिया था और मेजबान टीम किसी तरह सिरीज को ड्रॉ करा सकी थी। उस वक्त ऑस्ट्रेलिया के कोच बुकानन ही थे।