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भारत और धोनी के लिए आसान नहीं चुनौती

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टेस्ट क्रिकेट का सिरमौर भारत इसी माह तीन मैचों की टेस्ट श्रृंखला के लिए जब श्रीलंका जाएगा तो उसकी राह आसान नहीं होगी क्योंकि मेजबान को उसकी सरजमीं पर हराना किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं है।

श्रीलंका का पुराना रिकॉर्ड गवाह है कि दुनिया की मजबूत से मजबूत टीम को भी उसके मैदानों पर अकसर पसीना आ जाता है जबकि उसके बल्लेबाज और गेंदबाज इन्हीं मैदानों पर बड़ी आसानी से स्वच्छंद होकर खेलते हैं।

दूसरी तरफ पहली बार श्रीलंका दौरे पर जा रहे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए भी अपनी कप्तानी में अच्छे टेस्ट रिकॉर्ड को बरकरार रखना मुश्किल होगा।

एक से अधिक मैचों में टीम की कमान संभालने वाले खिलाड़ियों के बीच प्रतिशत के लिहाज से धोनी भारत के सबसे सफल कप्तान हैं और टीम इंडिया ने उनकी कप्तानी में 13 में से नौ मैचों में जीत दर्ज की जबकि एक मैच में टीम को हार का सामना करना पड़ा। धोनी की अगुआई में भारत के तीन मैच बराबरी पर छूटे।

धोनी टेस्ट श्रृंखला खेलने के लिएपहली बार श्रीलंका जाएंगे क्योंकि भारत जब 2008 में तीन मैच की श्रृंखला खेलने के लिएपड़ोसी देश के दौर पर गया था तो धोनी ने विश्राम ले लिया था ।

टेस्ट श्रृंखला की मेजबानी करने वाले गाले इंटरनेशनल स्टेडियम (18 से 22 जुलाई), कोलंबो के सिंहलीज स्पोर्ट्स क्लब (26 से 30 जुलाई) और पी सारा ओवल (3 से 7 अगस्त) में श्रीलंका की टीम ने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है जबकि भारत को इन मैदानों पर अधिकतर जूझना पड़ा है।

पहले टेस्ट की मेजबानी करने वाले गाले स्टेडियम में श्रीलंका को हराना लोहे के चने चबाने के समान है जहां मेजबान टीम ने पिछले 12 साल में केवल तीन मैच गँवाए हैं। वर्ष 1998 से टेस्ट मैचों की मेजबानी कर रहे इस स्टेडियम में टीम ने इस दौरान 15 मैच खेले जिसमें से आठ में जीत दर्ज की।

इसके विपरीत भारत ने यहाँ दो मैच खेले जिसमें से एक में उसे जीत मिली जबकि दूसरे में उसे हार का सामना करना पड़ा। भारत के लिए हालाँकि यह अच्छी खबर है कि उसने इस मैदान पर दोनों टीमों के बीच खेले गए पिछले मैच में आसान जीत दर्ज की।

दूसरा मैच जिस एसएससी स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा वह श्रीलंका का पारंपरिक गढ़ रहा है। श्रीलंका ने इस मैदान पर 33 में से 17 मैचों में जीत का परचम लहराया जबकि केवल छह बार उसे शिकस्त का सामना करना पड़ा। इस मैदान पर खेले गये 10 मैच बराबरी पर छूटे।

दूसरी तरफ भारत इस मैदान पर खेले छह मैचों में केवल एक में ही जीत दर्ज कर पाया है जबकि दो बार उसे हार झेलनी पड़ी। टीम इंडिया ने इस मैदान पर तीन मैच ड्रॉ खेले। तीसरे और अंतिम मैच की मेजबानी करने वाले पी सारा ओवल पर तो श्रीलंका का रिकॉर्ड और भी बेहतर जबकि भारत का बेहद खराब है।

श्रीलंका ने जहाँ इस मैदान पर 13 मैचों में सात जीत दर्ज की, वहीं भारत को यहाँ तीन मैच खेलने बावजूद पहली जीत का इंतजार है जबकि इनमें से दो बार उसे हार का सामना करना पड़ा।

श्रीलंका को इस मैदान पर केवल दो बार हार झेलनी पड़ी है और मेजबान टीम इस बार भी अपने घरेलू मैदानों पर अच्छा रिकॉर्ड बरकरार रखने के इरादे से उतरेगी। (भाषा)

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