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भारत की निगाहें विजयी लय जारी रखने पर

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मीरपुर , गुरुवार, 15 मार्च 2012 (15:36 IST)
भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया के निराशाजनक दौरे से उबरने के बाद शुक्रवार को यहां एशिया कप के लीग मैच में बांग्लादेश के खिलाफ इस विजयी लय को बरकरार रखने की कोशिश करेगी और साथ ही सचिन तेंडुलकर भी 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक के दबाव को समाप्त करने के लिए बेताब होंगे।

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ऑस्ट्रेलिया के तीन महीने से ज्यादा समय के हताशापूर्ण दौरे के बाद भारत को इस उपमहाद्वीपीय टूर्नामेंट में जैसे शुरुआत की जरूरत थी, उसने श्रीलंका पर 50 रन की जीत से वैसी ही शुरुआत की।

टीम के बल्लेबाजों का ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर प्रदर्शन काफी लचर रहा लेकिन वे परिचित उप महाद्वीपीय माहौल में काफी सहज दिखायी दिए और अपने गेंदबाजों के सहयोग के लिए काफी रन बटोरे, हालांकि उनके गेंदबाजों ने गैर मददगार पिच पर शुरू में कुछ रन गंवा दिए। लेकिन तेंडुलकर की समस्या खत्म नहीं हो रही है। 38 वर्षीय इस स्टार क्रिकेटर ने करीब सभी अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं लेकिन वह पिछले एक साल से सैकड़ा नहीं जड़ सके हैं।

तेंडुलकर पिछले एक साल में अपना 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक पूरा नहीं कर पाए हैं जिससे ऐसी चिंताएं भी उठने लगी हैं कि क्या आंकड़े उनकी फॉर्म पर इस कदर असर डाल रहे हैं यह महान क्रिकेटर अपने कंधों से इस दबाव को हटाने के लिए बेताब होगा।

तेंडुलकर की दृढ़ता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वह बुधवार को भी वैकल्पिक नेट सत्र में भी अभ्यास करने पहुंचे जिसमें भारत की 15 सदस्यीय टीम के केवल तीन सदस्य ही शामिल थे। तेंडुलकर पिछली 33 पारियों में शतक नहीं लगा सके हैं जो उनके सबसे लंबे सूखे स्पैल से केवल एक पारी कम है।

गौतम गंभीर और विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया में अपनी शानदार एकदिवसीय फॉर्म को इस टूर्नामेंट तक जारी रखा है और दोनों ने श्रीलंका के खिलाफ अपने 10वें अंतरराष्ट्रीय शतक से इसे साबित भी किया।

कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी परिस्थितियों को समझने का मौका मिला जिन्होंने श्रीलंका के खिलाफ निचले क्रम में उतरकर 46 रन की रोमांचक पारी खेली। सुरेश रैना भी लग रहा है कि यहां के बल्लेबाजों के मुफीद हालात में ऑस्ट्रेलिया की निराशा से उबर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि मनोज तिवारी को यहां खेलने का मौका मिलता है या नहीं जिन्हें ऑस्ट्रेलिया में एक भी वनडे में नहीं खिलाया गया था।

गेंदबाजी में वापसी करने वाले तेज गेंदबाज इरफान पठान के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई है, जिन्होंने श्रीलंका के खिलाफ चार विकेट चटकाए और यह भारत के लिए अच्छा संकेत है। लेकिन गेंदबाजी आक्रमण से मुख्य गेंदबाज की गैर मौजूदगी से गेंदबाजों को बल्लेबाजों पर भी निर्भर होना होगा कि वे बड़ा स्कोर बनाएं।

प्रबल दावेदार होने के बावजूद भारतीय टीम बांग्लादेश के पिछले रिकॉर्ड को देखकर आत्ममुग्ध नहीं हो सकती। टूर्नामेंट के शुरुआती मैच में उन्होंने पाकिस्तान को कड़ी चुनौती दी थी और दिखा दिया था कि वे घरेलू हालातों में उन्हें हराना आसान नहीं होगा।

तमीम इकबाल और आलराउंडर सकीबुल हसन ने पाकिस्तान के खिलाफ अच्छी बल्लेबाजी की लेकिन घरेलू टीम कप्तान मुश्फिकर रहीम और नाजिमुद्दीन से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद लगाए है। उनके गेंदबाजी मशरफी मुर्तजा के भी भारतीय बल्लेबाजी क्रम के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है जो उप महाद्वीपीय हालात में अच्छे प्रदर्शन के लिए मशहूर हैं।

टीमें इस प्रकार हैं-

भारत- महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), विराट कोहली, गौतम गंभीर, सचिन तेंडुलकर, मनोज तिवारी, सुरेश रैना, रोहित शर्मा, आर अश्विन, अशोक डिंडा, रविंदर जडेजा, प्रवीण कुमार, इरफान पठान, यूसुफ पठान, राहुल शर्मा और आर विनय कुमार।

बांग्लादेश- मुश्फिकर रहीम (कप्तान, विकेटकीपर), अब्दुर रज्जाक, अनामुल हक, इलियास सन्नी, इमरूल कायेस, जाहुरूल इस्लाम, महमूदुल्लाह, मशरफी मुर्तजा, नासिर हुसैन, नाजिमुद्दीन, नजमुल हुसैन, शफियुल इस्लाम, शहादत हुसैन, शकिबुल हसन और तमीम इकबाल। (भाषा)

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