भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के उपाध्यक्ष ललित मोदी ने बीसीसीआई द्वारा अन्य देशों के क्रिकेट बोर्डों पर रौब गाँठने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि क्रिकेट खेलने वाले दुनिया के दूसरे मुल्कों की जेब का वजन भारत के खिलाफ खेलने से ही बढ़ता है।
मोदी ने कहा कि आज से 100 साल पहले भारत के लोगों का क्रिकेट से कोई सरोकार नहीं था मगर अब हालात बदल गए हैं। अब ज्यादातर क्रिकेट बोर्ड तभी कमाई कर पाते हैं जब उनकी टीम भारत के खिलाफ खेलती है।
बहुचर्चित इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के अध्यक्ष ने ये बातें बीबीसी के हिन्दी कार्यक्रम 'एक मुलाकात' में कहीं।
मोदी ने कहा कि अगर दुनिया के तमाम क्रिकेट बोर्ड भारत के खिलाफ खेलकर मुनाफा कमा सकते हैं तो हमें भी अपने नजरिये को मजबूती से रखने का हक है। हम चाहते हैं कि हमारे साथ भी बराबरी का व्यवहार हो। इसी वजह से हमें दबंग कहा जाता है।
बीसीसीआई की मार्केटिंग उपसमिति के मुखिया मोदी ने कहा कि पिछले एक साल में भारतीय क्रिकेट बोर्ड की आय में बढ़ोतरी हुई है जिसका घरेलू क्रिकेट पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
मोदी ने कहा कि जब बोर्ड की आमदनी बढ़ेगी तो उसका हिस्सा खिलाड़ियों को भी दिया जाएगा। हमें उम्मीद है कि बोर्ड की सालाना आय बढ़ती जाएगी और अगर एक रणजी खिलाड़ी सभी मैच खेलता है तो वह सालाना 50 से 60 लाख रुपए कमा सकेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अर्थव्यवस्था में उतार के बावजूद टेलीविजन अधिकारों की अच्छी कीमत बीसीसीआई को होने वाले नुकसान की भरपाई कर देगी।
मोदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था में मंदी के बावजूद टेलीविजन अधिकारों की अच्छी कीमत बीसीसीआई को नुकसान नहीं पहुँचने देगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी के असर से क्रिकेट भी अछूता नहीं रहेगा लेकिन जब तक लोगों की टेलीविजन पर मैच देखने की आदत बनी रहेगी तब तक क्रिकेट को लाभ मिलता रहेगा।