पूर्व कप्तान कपिल देव ने कहा है कि भारतीय तेज गेंदबाजों में तेवरों की भारी कमी है और वे गेंदबाजी का अभ्यास करने के बजाय ज्यादा समय जिम में बिताते हैं।
यहां क्रिकेट क्लब इंडिया में दिलीप सरदेसाई मेमोरियल लेक्चर में कपिल ने कहा हमारे तेज गेंदबाजों में वह तेवर और जज्बा नहीं है। इसकी एक वजह तो यह है कि उन पर जरूरत से ज्यादा बोझ डाल दिया गया है। अगर आप उन्हें साल के 365 दिन खेलने के लिए कहें तो वे लगातार तेज गेंदबाजी नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा हमारे देश में बल्लेबाज और स्पिनर की ही मांग रहती थी लेकिन इधर पिछले 15-20 वर्षों में लोगों का रूझान तेज गेंदबाजी की ओर हुआ है। आजकल के तेज गेंदबाज अपना अधिक समय मैदान पर अभ्यास करने के बजाय जिम में बिताते हैं जबकि हमारे समय में हम मैदान में चक्कर लगाकर अपने पांव और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाते थे।
पूर्व भारतीय कोच कपिल ने कहा मुझे यह देखकर बहुत दु:ख हुआ कि इंग्लैंड दौरे पर पहले टेस्ट के दूसरे दिन कप्तान महेंद्रसिंह धोनी को विकेटकीपर की भूमिका छोड़कर गेंदबाज के रूप में उतरना पड़ा। धोनी ईशांत शर्मा और प्रवीण कुमार से पूछ रहे थे कि क्या वे थक गए हैं। भला यह क्या गेंदबाजों का जज्बा है? आखिर उस समय गेंदबाज क्या कर रहे थे?
उन्होंने कहा अगर मैं वहां होता तो लगातार 25 ओवर गेंदबाजी करता और तब भी कमजोरी का कोई चिह्न मेरे चेहरे पर दिखाई नहीं देता। आजकल के गेंदबाज चार ओवर करते हैं और अपनी ड्यूटी पूरी समझने लगते हैं।
पूर्व कप्तान कपिल ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को लताड़ते हुए कहा कि बोर्ड को यह ध्यान देना चाहिए था कि विश्वकप जीतने के बाद टीम इंडिया को कम से कम एक महीने का आराम मिले।
उन्होंने कहा टीम इंडिया के पास अपनी विश्वकप जीत की खुशी मनाने का कोई समय ही नहीं था। उन्होंने तीन वर्षों तक इस दिन की तैयारी की थी और उन्हें विश्वकप खत्म होने के बाद मात्र चार दिनों का समय दिया गया। उन्हें अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए अधिक समय दिया जाना चाहिए था।
पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा अगर आप अपने खिलाड़ियों को आराम करने का पर्याप्त समय नहीं देते तो उनके अंदर खेलने का जज्बा खत्म हो जाता है1 इसका परिणाम हम इंग्लैंड दौरे पर देख चुके हैं।
कपिल ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की ओर नए खिलाड़ियों के आकर्षित होने के बारे में कहा मुझे आज तक यह बात समझ में नहीं आई कि बीसीसीआई ही जब आईपीएल का आयोजन कराती है तो आखिर किस आधार पर वह राष्ट्रीय टीम में खेलने पर कम मैच फीस देती है और आईपीएल में पानी की तरह पैसे बहाती है। जब खिलाड़ी को आईपीएल में खेलने पर अधिक पैसे मिलेंगे तो राष्ट्रीय टीम में खेलकर कम पैसा क्यों कमाना चाहेगा? (वार्ता)