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भारत को चाहिए गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण कोच

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 8 जनवरी 2010 (00:46 IST)
भारतीय खिलाड़ियों के गुरुवार को एक दिवसीय त्रिकोणीय श्रृंखला में बांग्लादेश के खिलाफ मैच में गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण के प्रदर्शन को देखते हुए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की बात गौर करने लायक है कि टीम इंडिया को क्षेत्ररक्षण और गेंदबाजी कोच की काफी कमी खल रही है।

भारतीय टीम ने भले ही धोनी (101) और विराट कोहली (91) की मदद से बांग्लादेश को छह विकेट से हरा दिया हो, लेकिन उनकी गेंदबाजी काफी खराब थी और मैच में कई आसान कैच छूटे।

घरेलू सरजमीं पर श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट और वनडे श्रृंखला जीतने वाली भारतीय टीम को यहाँ श्रीलंका के खिलाफ पाँच जनवरी को त्रिकोणीय श्रृंखला के अपने शुरुआती मुकाबले में 5 विकेट से शिकस्त का सामना करना पड़ा जबकि यह द्वीपीय टीम अपने कई महत्वपूर्ण खिलाड़ियों के बिना मैदान पर उतरी थी।

इससे भारतीय टीम की आईसीसी वनडे में शीर्ष रैंकिंग में पहुँचने की उम्मीदों को भी करारा झटका लगा क्योंकि अगर टीम यहाँ अपने सभी मैच जीत लेती तो वह इसमें शीर्ष पर पहुँच सकती थी।

धोनी के धुरंधरों के लिए सबसे बड़ी चिंता क्षेत्ररक्षण रही है, क्योंकि घरेलू सरजमीं पर हुई वनडे श्रृंखला में भी इस कारण टीम की कई बार आलोचना हुई थी।

हरभजन सिंह ने पाँचवें ओवर में आशीष नेहरा की गेंद पर मिडविकेट पर इमरूल कायेस का कैच छोड़ दिया था, इस समय इस बल्लेबाज ने केवल तीन रन बनाए थे लेकिन बाद में वह 70 रन बनाने में सफल रहा और बांग्लादेश जैसी टीम छह विकेट पर 296 से वनडे में अपना पाँचवाँ सबसे बड़ा स्कोर बनाने में सफल रही।

इसके बाद जहीर खान की गेंद पर धोनी ने 31.2 ओवर में कायेस का कैच छोड़ दिया था, हालाँकि इससे पहले यह बांग्लादेशी खिलाड़ी 67 रन की पारी खेलकर अपनी टीम के लिए बढ़िया पारी खेल चुका था। इस गेंद पर कायेस ने दो रन लिए। धोनी एक हाथ से यह कैच लेने के लिए लपके, लेकिन वह इसे पकड़ नहीं सके।

धोनी ने एक दिवसीय त्रिकोणीय श्रृंखला के लिए बांग्लादेश रवाना होने से पहले स्वीकार किया था कि टीम को क्षेत्ररक्षण और गेंदबाजी कोच की कमी खल रही है।

उन्होंने कहा था कि हमें गेंदबाजी कोच की कमी खल रही है। अगर आपके पास विशेषज्ञ कोच हैं तो वह हमेशा गेंदबाजों से बातें करता रहता है और उनसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाने के बारे में सोचता है। आईसीसी विश्व ट्वेंटी-20 के शुरुआती चरण के बाद टीम दक्षिण अफ्रीका में चैम्पिंयस ट्रॉफी से भी बाहर हो गई थी, जिसके बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने गेंदबाजी कोच वेंकटेश प्रसाद और क्षेत्ररक्षण कोच ॉबिन सिंह को बर्खास्त कर दिया था।

हालाँकि इन दोनों की बर्खास्तगी के लिए कोई कारण नहीं बताया गया। विश्व ट्वेंटी-20 के बाद से ही तेज गेंदबाजी भारतीय टीम के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। धोनी ने कहा कि गैरी कर्स्टन (मुख्य कोच) को ही सारी जिम्मेदारी संभालनी होती है। उन पर अतिरिक्त जिम्मेदारी बढ़ गई है। उन्हें बल्लेबाजों, गेंदबाजों और क्षेत्ररक्षकों से बैठकर बात करनी होती है और इसके रणनीति बनानी होती है।

उन्होंने कहा कि बीसीसीआई इन दोनों की जगह किन्हीं और कोचों को लाकर इस दबाव को कम कर सकती थी, जिससे वे गेंदबाजो और क्षेत्ररक्षकों के साथ काम कर सकें। (भाषा)

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