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मोदी के आरोप झूठ-बीसीसीआई

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हमें फॉलो करें आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी बीसीसीआई 2009 नीलामी फिक्स
मुंबई , शनिवार, 28 अगस्त 2010 (16:20 IST)
बीसीसीआई ने शनिवार को सचिव एन श्रीनिवासन का बचाव करते हुए आईपीएल के निलंबित कमिश्नर ललित मोदी के इन आरोपों को खारिज किया कि इस सीनियर अधिकारी ने 2009 में हुई नीलामी फिक्स की थी।

बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर ने कार्यसमिति की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक श्रीनिवासन के खिलाफ मोदी के आरोप ‘सरासर झूठ’ हैं।

मनोहर ने कहा कि मैं वे दस्तावेज पेश कर सकता हूँ, जिनसे साबित होता है कि श्रीनिवासन के खिलाफ मोदी के लगाए सारे आरोप सरासर झूठ हैं। यह पूछने पर कि क्या ये दस्तावेज आज की बैठक में रखे गए और समिति के सदस्यों ने उन्हें मंजूरी दी, मनोहर ने कहा कि हाँ।

श्रीनिवासन ने दो दिन पहले इन रिपोर्ट को खारिज किया था कि उन्होंने खिलाड़ियों की नीलामी फिक्स करने की कोशिश की थी और इसी तरह इंग्लैंड के हरफनमौला एंड्रयू फ्लिंटॉफ के लिए बोली जीती।

एक टीवी चैनल ने दावा किया कि श्रीनिवासन ने मोदी के साथ मिलकर सुपर किंग्स के पक्ष में बोली जीतने की कोशिश की।

चैनल ने श्रीनिवासन को मोदी द्वारा लिखे गए ई-मेल का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि शेन वॉर्न को सोहेल तनवीर का करार रद्द नहीं करने और फ्लिंटॉफ को नहीं लेने के लिए मनाने को काफी मेहनत करनी पड़ी। साम दाम दंड भेद के जरिये मैं ऐसा करने में कामयाब रहा, क्योंकि उनके पास सिर्फ 18 लाख 75 हजार डॉलर बचे थे। वॉर्न राजस्थान रॉयल्स के कप्तान और कोच हैं।

श्रीनिवासन ने इन आरोपों का खंडन करते हुए एक अन्य टीवी चैनल से कहा कि उन्होंने कोई गलती नहीं की और उनकी फ्रेंचाइजी ने राजस्थान रॉयल्स को बोली में पछाड़ा है। उन्होंने कहा कि मुझे किसी की मदद की जरूरत नहीं है। राजस्थान रॉयल्स ने फ्लिंटॉफ के लिए 15 लाख डॉलर की बोली लगाई थी। हमने 15 लाख 50 हजार डॉलर चुकाकर उन्हें पछाड़ा। इसमें कौन सी सौदेबाजी है। मोदी का शेन वॉर्न पर बस कैसे चल सकता है। वे राजस्थान रॉयल्स के मालिक तो नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि मैंने कोई गलती नहीं की। हमने नियमों के तहत बोली जीती। हम ही नए खिलाड़ियों को खरीदने की स्थिति में थे क्योंकि हमारे पास काफी पैसा था। हमें किसी की मदद की दरकार नहीं थी। (भाषा)

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