भारत के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने खेल भावना के विपरीत नोबॉल फेंककर उन्हें शानदार शतक से वंचित करने वाले श्रीलंकाई स्पिनर सूरज रणदीव की इस हरकत की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है।
सहवाग ने कहा कि अगर सामने खड़ा बल्लेबाज 99 रन पर खेल रहा हो तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप नो बॉल फेंक दें या फिर बाई के रूप में चार रन दे दें। अच्छी क्रिकेट इसकी इजाजत नहीं देती।
महत्वपूर्ण मुकाबले में मैच जिताऊ 99 रन बनाने वाले सहवाग ने कहा कि वह निश्चित रूप से कह सकते हैं कि उन्हें शतक से वंचित करने के लिए ही नोबॉल फेंकी गई थी।
सहवाग को उनकी 99 रन की नाबाद पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। वह शतक के हकदार थे लेकिन रणदीव के ओवर की पहली गेंद पर जहाँ चार रन बाई के चले गए वहीं उन्होंने चौथी गेंद नोबॉल फेंक दी।
इस विस्फोटक सलामी बल्लेबाज ने मैच के बाद कहा कि क्रिकेट में ऐसा होता है। दूसरी टीम नहीं चाहती कि कोई उनके खिलाफ शतक बनाए। वे बल्लेबाज को शतक पूरा करने से रोकने के लिए भरसक प्रयास करती हैं। (भाषा)